देहरादून। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी द्वारा उत्तर पश्चिम राज्यों के साथ नागरिक उड्डयन संबंधित विभिन्न विषयों पर वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा की गई।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा मंत्री को अवगत कराया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा प्रदेश में प्रथम चरण की चयनित वायुयान सेवा देहरादून-पंतनगर (एलायंसएयर) तथा द्वितीय चरण की वायुयान सेवा देहरादून-पिथौरागढ़, पिथौरागढ़-देहरादून, पिथौरागढ़-हिंडन आपरेटर हेरिटेज द्वारा चलाई जा रही है।
उन्होंने भारत सरकार नागरिक उड्डयन मंत्रालय का आभार प्रकट किया। इसी क्रम में उन्होंने मंत्रालय द्वारा तृतीय चरण की चयनित वायुयान सेवा पंतनगर-चंडीगढ़, पंतनगर-लखनऊ (हेरीटेज आॅपरेटर) एवं पंतनगर-कानपुर (स्पाईसजेट) सेवाएं तथा द्वितीय चरण की चयनित देहरादून-इलाहाबाद (इंडिगो) एवं पिथौरागढ़ -पंतनगर (हेरिटेज) वायुयान सेवाओं को भी शीघ्र ही संचालित करने का अनुरोध किया।
मुख्य सचिव ने देहरादून एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की ओर मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में देहरादून एयरपोर्ट की रनवे लम्बाई 2140 मीटर है, जिससे अधिकतम 130 से 140 यात्रियों का प्रति विमान आवागमन संभव है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जौलीग्रांट हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित किये जाने की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गई है, जिसके क्रम में प्रथम चरण में जौलीग्रांट हवाई अड्डे के विस्तारीकण हेतु भूमि अधिग्रहण का निर्णय लिया गया है। प्रथम चरण में एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के बाद एयरपोर्ट के रनवे की लम्बाई 2765 मीटर हो जाएगी जिससे इस एयरपोर्ट से एयरबस ए-321 एवं ए-320 की उड़ान संभव हो पायेगी एवं लगभग 172 से 180 यात्रियों का प्रति वायुयान का आवागमन संभव होगा। उन्होंने अवगत कराया कि द्वितीय चरण में भी जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 3500 मीटर के रनवे का निर्माण करने का प्रदेश सरकार द्वारा सैद्धान्तिक निर्णय लिया गया है।मुख्य सचिव ने भारत सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना के अंतर्गत चयनित स्थलों पर के अंतर्गत संचालन की अनुमति का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश सरकार पर व्यय भार कम पड़ेगा, जिस पर मंत्री द्वारा विचार करने की बात स्वीकार की गई। मुख्य सचिव ने भारत सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना के अंतर्गत नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा केन्द्रीयकृंत स्तर पर उपकरणों के क्रय कर उन्हें संबंधित हैलीपैड एवं हवाई पट्टियों पर शीघ्र स्थापित कराने का अनुरोध किया। मुख्य सचिव द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि आर.सी.एस योजना में देहरादून-पिथौरागढ़ एवं पिथौरागढ़-पंतनगर एवं पंतनगर-हिंडन तक हवाई सेवा संचालित है, किन्तु समय-समय पर उक्त सेवा में व्यवधान बना रहता है, जिसे नियमित कराने का अनुरोध किया। उन्होंने उक्त वायुयान मार्गों पर यात्रियों की संख्या अधिक होने की जानकारी देते हुए इन वायुयान मार्गों पर अधिक क्षमता के वायुयान विमान संचालित कराने का अनुरोध किया। मुख्य सचिव ने अवगत कराया कि प्रदेश के लिए चयनित हैली-सेवाओं में आठ हैलीपेड की डी.पी.आर, डी.जी.सी के मानकों के आधार पर बना दी गई है तथा शीघ्र ही कार्यदायी संस्था द्वारा कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। यह चयनित हैली सेवाओं के लिये वायुमार्गों का चयन इस प्रकार है। अल्मोड़ा-पंतनगर, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़, चिन्लायीसौंड-सहस्त्रधारा, देहरादून-मसूरी, देहरादून-नई टिहरी, देहरादून-रामनगर, धारचूला-हल्द्वानी, गौचर-जोशीमठ, गौचर-सहस्त्रधारा, गौचर-श्रीनगर, हल्द्वानी-धारचूला, हल्द्वानी-हरिद्वार, हरिद्वार-हल्द्वानी, जोशीमठ-गौचर, मसूरी-देहरादून, नैनीताल-पंतनगर, नई टिहरी-देहरादून, नई टिहरी-श्रीनगर, पंतनगर-अल्मोड़ा, पंतनगर-नैनीताल, पंतनगर-रामनगर, पिथौरागढ़-अल्मोड़ा, रामनगर-देहरादून, रामनगर-पंतनगर, सहस्त्रधारा-चिन्यालीसौंड़, सहस्त्रधारा-गौचर, श्रीनगर-गौचर, श्रीनगर-नई टिहरी। मुख्य सचिव के साथ अपर सचिव नागरिक उड्डयन उत्तराखण्ड सोनिका मौजूद थीं।