उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के नाम एक और उपलब्धि इस वर्ष दर्ज की गई है । पिछले वर्ष भी चार अनाम चोटियों पर आरोहण के साथ इस वर्ष संस्थान के प्राचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने गंगोत्री हिमालय क्षेत्र में स्थित मुंबा चोटी पर अपने पांच साथियों के साथ सफलतापूर्वक आरोहण किया है।
गिरीश गैरोला
उन्होंने बताया कि मुम्बा शिखर अन्य चोटियों से हटकर है। इसका टरेन तिब्बतन लेह लद्दाख जैसा पठारी है। यहाँ बर्फ कम पड़ती है। चीन सीमा से जुड़े होने के चलते इनर लाइन की बंदिशों के चलते भी ये चोटिया अभी तक अनाम रही है। कर्नल अमित बिष्ट में बताया कि लाइन ऑफ एक्चुअल कन्ट्रोल और इनर लाइन के बीच 35 से 40 किमी की दूरी है, उन्होंने स्वीकार किया ये दूरी ज्यादा है इसकी समीक्षा करने की जरूरत है। इस दूरी को घटाकर 5 से 10 किमी करके सुरक्षा उपाय के साथ पर्वततोही अडवेंचर पसंद पर्यटको को आने जाने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि इस इलाके का ये अनछुआ हिस्सा भी पर्यटन के मानचित्र पर जगह ले सके। इस इलाके में ऑक्सीजन की बेहद कमी रहती है। और स्नो लेपर्ड ,आईबेक्स, (भरड) ब्लू शीप आदि अकसर खुले में विचरण करते हुए देखे जा सकते है। इस दौरान आप यहाँ अंगार लेक के बजी दीदार कर सकते है।
बताते चलें गंगोत्री क्षेत्र में नेलांग जदंग बॉर्डर से लगा हुआ मुंबा शिखर चोटी पर पहली बार आरोहण किया गया है इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन को भी पहली बार मुंबा शिखर के बारे में पता चला है बतौर आईएमएफ इससे पहले किसी भी व्यक्ति द्वारा मुंबा चोटी का आरोहण नहीं किया गया था। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्राचार्य कर्नल अमित बिष्ट सेना मैडल ने रिकॉर्ड अवधि में 5236 मीटर ऊंचाई वाले मुंबा पर्वत का आरोहण किया है अपने 5 सदस्य टीम के साथ कर्नल अमित बिष्ट ने 14 जुलाई 2019 को आरोहण शुरू किया था और 18 जुलाई को रिकॉर्ड अवधि में आरोहण पूर्ण किया। टीम के सदस्यों में सदस्य प्रशिक्षक दीप शाही हवलदार अनिल कुमार निम प्रशिक्षणार्थी सुश्री देवेश्वरी बिष्ट और सुश्री नवमी सामिल रहे।निम के प्राचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि स्थापना वर्ष 1965 से ही नेहरू पर्वतारोहण संस्थान नौजवानों में स्वरोजगार के प्रोत्साहन के लिए लंबे समय से कार्य करता रहा है । पिछले वर्ष भी कर्नल अमित बिष्ट द्वारा गंगोत्री क्षेत्र के ही 4 अन्य अनाम और अनस्केल्ड पर्वत चोटियों का सफलतापूर्वक आरोहण किया गया था।