नीलकंठ बन गए कुरील।

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नीलकंठ बन गए कुरील।
छलकती आंखों से बोले -बॉस की ऑलवेज राइट।

उत्तरकाशी नगर पालिका में चली अराजकता का भंडाफोड़ होने के बाद सैकड़ो व्यापारियों पर रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। अपने साथ हुए धोखे से ये छोटे व्यापारी आहत है ।
वही जनता के गुस्से को शांत करने के लिए पूरी भड़ास पालिका के अधिशाषी अधिकारी सुशील कुमार कुरील पर उतार कर सब अपना गला साफ करने में लगे है। भारी बैठक में इस अधिकारी को हड़का कर भले ही कुछ समय के लिए पीड़ित अपने दिल को तसल्ली दे सकते है किंतु ये हकीकत है कि पालिका उत्तरकाशी में इस अधिकारी की स्थिति धोबी के दो पाटों में फंसी हुई है। कभी अध्यक्ष तो कभी प्रशासक कभी जनहित के नाम पर , कभी छवि चमकाने के नाम पर , तो कभी कानून के नाम पर दबाव। जनता और अधिकारी दोनों तरफ से इतना दबाव झेलने के बाद भी इस अधिकारी की खासियत है कि यस सर, हो जाएगा सर, नही अभी किये देता हूं सर के जबाब ही उनके मुक्त कंठ से निकलते है। जबकि सबको मालूम है कि चार दिन की चांदनी के बाद फिर
कैसी रात आने वाली है। लिहाजा प्रॉफिट में साझीदारों की तरफ उंगली उठाने की हिम्मत भले ही इन अभिनेताओं में न हो पर सभी पब्लिक में अभिनेता की छवि गांठने को कुरील को गरिया देते है। बेचारे कुरील पालिका की खामियों का जहर तो ग्रहण कर चुके है किंतु न तो इसे निगल सकते हैं और न उगल ही सकते है। ऐसे में नीलकंठ बना गए है कुरील। बाजार में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान अपनी ही मौजूदगी में मार्किंग कर खड़े किए गए खोको पर कानूनी मार के चलते इस बार फिर अपनी ही आंखों के सामने टूटता हुआ देख उनकी आँखें छलक आयी तो केवल इतना ही बोले -‘ बॉस ऑलवेज राइट’।
34 लाख 50 हजार टेबल के ऊपर से और 18 लाख अंडर टेबल का हिसाब अभी भी बाकी है, इंटरवल के बाद।

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