अगर डॉक्टर किसी नेता को उसके मददगार होने का प्रमाण पत्र दे तो समझ लेना चाहिए कि नई पीढ़ी लोकतंत्र की नई परिभाषा गढ़ने जा रही है । मामला उत्तरकाशी जिले का है जहां के एक जिला पंचायत सदस्य ने अपने क्षेत्र से बाहर भटवाड़ी ब्लॉक जसपुर गांव के एक व्यक्ति की ऐसे समय में मदद की जब लौक डाउन के चलते पूरा देश और प्रदेश अस्त व्यस्त चल रहा है ।
कोरोना संक्रमण का पहला केस मिलने के बाद उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में भी ओपीडी देखना भी मुश्किल हो रहा है।गजना के जिला पंचायत सदस्य और पंचायत सदस्य के प्रदेश संगठन के अध्यक्ष प्रदीप भट्ट ने को जैसे ही सूचना मिली कि भटवाड़ी जसपुर गांव के शूरवीर सिंह के पेट की आंत फट गई है और उसे तत्काल मेडिकल की जरूरत है, उन्होंने तत्काल लौक डाउन के बीच व्यवस्था बनाकर जिला अस्पताल में वरिष्ठ सर्जन डॉक्टर सकलानी से विचार विमर्श किया और बीमार का निशुल्क इलाज करा दिया । वरिष्ठ सर्जन डॉ सुरेंद्र सकलानी ने जिला पंचायत सदस्य प्रदीप भट्ट के इस तरह निर्णय की भूरी भूरी प्रशंसा की है, उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों में ऐसा ही भाव रहे तो स्वास्थ्य स्वास्थ्य समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकता है। डॉक्टर सकलानी की माने तो जिला पंचायत सदस्य के तत्कालिक लिए गए निर्णय से ही व्यक्ति की जान बच पाई है उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के चलते उत्तरकाशी जैसी जगह पर परिजनों ने डॉक्टर्स की पूरी टीम पर भरोसा जताया जिसके बाद डॉक्टर्स की टीम ने भी पूरी मेहनत से ऑपरेशन को अंजाम दिया यही ऑपरेशन देहरादून या अन्य शहरों के निजी अस्पताल में होता तो एक से डेढ़ लाख के बीच खर्च हो सकता था।
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