ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के सह-संस्थापक स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के मार्गदर्शन एवं सानिध्य में परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार, अनेक विदेशी साधकों और स्पर्श गंगा के 40 से अधिक भाई-बहनों ने मिलकर स्वर्गाश्रम क्षेत्र में स्वच्छता कार्यक्रम सम्पन्न किया। सभी भाई-बहनों ने तीन घन्टे जमकर सफाई की।इस स्वच्छता अभियान में विधिवत रूप से स्वार्गाश्रम क्षेत्र, वानप्रस्थ और गंगा तटों पर गहन स्वच्छता अभियान चलाया।
गिरीश गैरोला
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने ’स्वच्छता ही सेवा है’ का संकल्प कराया तत्पश्चात सभी स्वयंसेवक भाई-बहन पूरे क्षेत्र को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने में जुट गये। प्लास्टिक, गंदे कपड़े, घाटों पर जमी रेत और नालों की सफाई की। स्वामी जी ने कहा कि अगर युवा खड़े हो गये तो हमारी गंगा को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने में देर नहीं लगेगी।
सभी युवा अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर अपनी-अपनी गली, मोहल्ले, गांव, नाले और नदियों को सम्भाल लें तो वह दिन दूर नहीं जब भारत, स्वच्छता का दर्शन पूरे विश्व को करा पायेगा इसके लिये हमें जुड़ना होगा और दूसरों को भी जोड़ना होगा। उन्होने कहा कि स्वच्छता के लिये आओ जुड़े और जोड़े, देश में स्वच्छता को लाने के लिये यही मंत्र काम करेगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि स्वच्छता ही धर्म है, स्वच्छता ही सेवा है आईये स्वच्छता के संस्कारों को अपने जीवन का अंग बनायेंय अपनी आदत बनायें और अपना स्वभाव बनायंे। गंगा के तटों और नालों को स्वच्छ कर उन्हें इस तरह बना दिया जाये की नाला भी ध्यान करने का केन्द्र बने, हम सभी प्रयास करेंगे तो नाला भी ध्यान नाला बन सकता है। उन्होने कहा कि हम स्वच्छ रहेंगे तभी स्वस्थ रह पायेंगे जिससे हमारा राष्ट्र समृद्ध बनेगा। आज हमें स्वच्छ, स्वस्थ और समृद्ध भारत की जरूरत है। किसी भी सभ्य एवं विकसित समाज के लिये स्वच्छता के उच्च मानदंड़ों की आवश्यकता होती है।स्वामी जी ने कहा कि भारत एक निरन्तर प्रगतिशील राष्ट्र है परन्तु उसे सहस्राब्दी विकास लक्ष्य एवं सतत विकास को हासिल करना है तो स्वच्छता के उच्च मानदंडों को अंगीकार करना होगा और यह तभी सम्भव है जब प्रत्येक भारतीय स्वच्छ भारत मिशन से जुडेगा। स्वामी जी ने कहा कि ’स्वच्छता वह गहना है जिसके बिना पृथ्वी का सारा श्रृंगार अधूरा है।
स्वच्छता को जन आंदोलन के साथ मन आंदोलन भी बनाना होगा तभी हम ऐतिहासिक और अप्रत्याशित बदलाव ला सकते है। स्वच्छता ही सेवा है एवं स्वच्छता ही हमारा संस्कार बने।’ स्वच्छता अभियान मंे स्पर्श गंगा के 40 से अधिक युवा सदस्य, नन्दिनी त्रिपाठी, आचार्य संदीप शास्त्री, आचार्य दीपक शर्मा, परमार्थ परिवार के सदस्यों और परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने सहभाग किया। सभी ने मिलकर परमार्थ परिसर में रूद्राक्ष के पौधे का रोपण किया।