–30 से 40 करोड़ महिलायें प्रतिमाह गुजरती हैं मासिक धर्म से-’भारत के विकास के लिये सरकार और समाज के बीच एक सरोकार आवश्यकः स्वामी चिदानन्द सरस्वती।
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में स्वामी चिदानन्द सरस्वती के सान्निध्य में जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती, डब्ल्यू एस एस सी सी जिनेवा (स्विट्जरलैण्ड) सरकार और समाज के बीच एक सरोकार मुख्यालय से एनरिको मूरटोर, वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी एवं भारत मंे समन्वयक विनोद मिश्रा, स्वामिनी आदित्यनन्दा सरस्वती, नन्दिनी त्रिपाठी ने ’’मासिक धर्म सुरक्षा एवं स्वच्छता प्रबंधन’’ प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम पूरे देश में पहुंचे इस पर विस्तृत चर्चा की।
गिरीश गैरोला
चर्चा के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि मासिक धर्म के प्रति लोगों के दृष्टिकोण में परिवर्तन हो, मासिक धर्म को जीवन के लिये वरदान समझा जायें न की अभिशाप, महिलाओं के लिये विद्यालय, सामुदायिक स्थलों पर उचित शौचालयों की व्यवस्था और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाये, उन स्थानों पर सैनेटरी पैड की उपलब्धता और सुरक्षित निपटरण की व्यवस्था जैसे अनेक विषयों पर खुलकर चर्चा हुई।
इस बैठक का उद्देश्य भारत की प्रत्येक लड़कियों और महिलाओं तक मासिक धर्म सुरक्षा प्रबंधन और जागरूकता के संदेश को पहुंचाना है इस हेतु सरकार जो सहायता प्रदान कर रही है उससे आम जन को अवगत कराना है। इसी परिपेक्ष्य में परमार्थ निकेतन में ’कोई पीछे न छूट जायें’ सम्मेलन का आयोजन 13 दिसम्बर को किया जा रहा। इस कार्यक्रम के तहत भारत सरकार ने 13 दलों को रखा गया है जिसमें आदिवासी, जनजाति, सीमाओं पर रहने वाले लोग, दिव्यांग, सेक्स वर्कस, थर्ड जेंडर, आदि दल जिनके पास कई बार सरकारी सुविधायें विलंब से पहंुचती है ऐसे दलों के लीडर को बुलाकर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा।
इस कार्यक्रम में भारत सरकार के स्वच्छता, पर्यावरण, जल संरक्षण और जल शक्ति मंत्रालय के मंत्रीगण और उच्चाधिकारियों को भी आमंत्रित किया जायेगा। साथ ही इस क्षेत्र में जो लोग ग्रांउड लेवल पर कार्य कर रहे है उन्हे भी आमंत्रित किया जायेगा ताकि उनके उद्बोधनों से दूसरे लोगों को प्रेरणा मिल सके।
इससे पहले भी परमार्थ निकेतन और डब्ल्यू एस एस सी सी के संयुक्त तत्वाधान में मसिक धर्म प्रबंधन और सुरक्षा पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसके हमें सकारात्मक परिणाम भी प्राप्त हुये है। इस कार्यक्रमों का आयोजन विभिन्न धर्मो के मंचों से भी किया गया और यह संदेेश प्रसारित किया गया कि अपने-अपने धर्म के अनुयायियों को मासिक धर्म के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने हेतु जागरूक किया जाये।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा मासिक धर्म, पर्यावरण, जल संरक्षण और स्वच्छता से सम्बंधित जो कार्य सरकार द्वारा किये जा रहे है वह वास्तव में सराहनीय कार्य है परन्तु इसके साथ सरकार और समाज के बीच एक सरोकार हो ताकि इन योजनाओं का लाभ सभी को मिल सके। उन्होेने कहा कि इस सब समस्याओं का समाधान कहीं बाहर नहीं है बल्कि हम सभी है इसका समाधान।माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी जब 130 करोड़ भारतवासियों के बारे में बात करते है तो उन्हे बड़ा गर्व होता है कि यही हमारे राष्ट्र की शक्ति है और उसमें भी हमारे देश की आधी आबादी हमारी नारी शक्ति है।
स्वामी ने कहा कि दिसम्बर माह में होने वाले सम्मेलन का उद्देश्य है कि मासिक धर्म सुरक्षा और स्वच्छता के लिये जो भी सरकार सुविधायें प्रदान कर रही है वह देश की प्रत्येक नारी शक्ति तक पहुंचे इस हेतु हमें मिलकर कार्य करना होगा। भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ मिलकर स्वच्छ भारत अभियान तक हमने आपने कदम सफलता पूर्वक आगे बढ़ायें है और यह वास्तव में एक बहुत बड़ी उपलब्धि भी है कि अब दुनिया के अन्य देश इस परिवर्तन के लिये हमसे सलाह लेने आ रहे है कि वे अपने देशों में कैसे स्वच्छता कार्यो को लागू करें। यह वास्तव में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की एक बड़ी उपलब्धि है। इसे हम अपनी उपलब्धि मानकर अपना सहयोग प्रदान कर सकते है।
एनरिको मूरटोर, ने कहा कि मेरी कई बार मीटिंग दिल्ली में हुई परन्तु दिल्ली और ऋषिकेश के वातावरण में काफी अन्तर है। वास्तव में परमार्थ निकेतन की संस्कृति और शान्ति अद्भुत है। उन्होने कहा कि मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि मैं और मेरी संस्था भारत के लिये कुछ बेहतर कर सके। साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि मासिक धर्म सुरक्षा अर्थात देश की आधी आबादी के स्वास्थ्य की रक्षा है। इससे बेटियाँ की शिक्षा और स्वास्थ्य की रक्षा होगी। किसी भी राष्ट्र के चहुमुखी विकास के लिये समाज की सोच, शिक्षा और वहां के लोगों का स्वस्थ होना नितांत आवश्यक है।
डब्ल्यू एस एस सी सी के भारत मंे समन्वयक श्री विनोद मिश्रा जी, ने कहा कि भारत में प्रतिमाह 30 से 40 महिलायें प्रतिमाह मासिक धर्म से गुजरती है उनकी सुरक्षा के लिये हमारे धर्मगुरूओं और समाज का सहयोग नितांत आवश्यक है। एनरिको मूरटोर एवं विनोद मिश्रा को जय गंगे शाल, रूद्राक्ष की माला और रूद्राक्ष का पौधा देकर परमार्थ निकेतन में उनका अभिनन्दन किया।