पर्वतीय क्षेत्र में सोलर पावर प्लांट – 220 करोड़ की पूंजी निवेश से 300 को मिलेगा रोजगार

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शुक्रवार को मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में परियोजना अनुमोदन समिति की बैठक आयोजित की गई जिसमें प्रदेश के 75 आवेदन कर्ताओं को 54900 कि.वा क्षमता की परियोजना आवंटित की गयी।


उत्तराखण्ड सौर ऊर्जा नीति, 2013 (संशोधित-2018) में श्रेणी-टाइप 1 के अर्न्तगत सोलर पावर प्लान्ट्स के पंजीकरण/आवंटन के सम्बन्ध में, उक्त नीति में निर्धारित व्यवस्था के अनुसार गठित ‘परियोजना अनुमोदन समिति’ की बैठक, मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुयी।
समिति द्वारा कुल 75 विकासकर्ताओं द्वारा कुल 54.9 मेगावॉट क्षमता की परियोजनाएं पर्वतीय क्षेत्रों में लगाने हेतु आवंटित की गयी। इन परियोजनाओं की स्थापना के सापेक्ष सम्बन्धित विकासकर्ताओं द्वारा दी गयी न्यूनतम दर रू. 3.00 एवं अधिकतम दर रू. 4.19 प्राप्त हुई है।
मुख्य सचिव द्वारा पूर्व में आवंटित 148.85 मे.वा. क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की प्रगति की समीक्षा भी की गयी तथा यह निर्देश दिये गये कि सभी परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से स्थापित कराये जाने हेतु सम्बन्धित विभागों द्वारा यथा आवश्यकता सहयोग प्रदान किया जाय। 54.9 मेगावॉट क्षमता की इन आवंटित परियोजनाओं की स्थापना पर लगभग 220 करोड़ रूपये का पूंजी निवेश होगा तथा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 300 व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पर्वतीय क्षेत्रों में इन सोलर पावर प्लान्ट से उत्पादित होने वाली विद्युत की निकासी हेतु ग्रिड लाइनों के सुदृढ़ीकरण तथा ट्रांसफार्मर की व्यवस्था पर होने वाले व्यय के सम्बन्ध में यू.पी.सी.एल द्वारा रिपोर्ट तैयार की जाय ताकि भविष्य में पर्वतीय क्षेत्रों में और सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित कराये जाने के सम्बन्ध में निर्णय लिया जा सके। 
बैठक में सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा, सचिव वित्त श्रीमती सौजन्या, अपर सचिव ऊर्जा श्री आलोक शेखर तिवारी, मुख्य परियोजना अधिकारी, वैकल्पिक ऊर्जा श्री अरूण कुमार त्यागी आदि उपस्थित थे।

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