पांच हजार रु की रिश्वत लेते सर्वे कानूनगो को विजिलेंस ने दबोचा

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देहरादून। भूमि दस्तावेजों की त्रुटि दूर करने के एवज में सेवानिवृत्त फौजी से पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते सर्वे कानूनगो को विजिलेंस ने उसके पटेलनगर स्थित कार्यालय से रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। उसके कालसी स्थित घर की तलाशी लेने के लिए दोपहर में ही विजिलेंस की एक टीम रवाना कर दी गई, वहां से बैंक खातों और जमीन संबंधी कुछ दस्तावेज मिले हैं। कानूनगो ने देहरादून में स्थित घर के बारे में जानकारी नहीं दी है। इस बारे में उससे पूछताछ की जा रही है।

गिरीश गैरोला

उसे बुधवार को विजिलेंस कोर्ट में पेश किया जाएगा।एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि मंगलवार को एक सेवानिवृत्त फौजी ने बंदोबस्त कार्यालय के सर्वे कानूनगो किशन सिंह नेगी पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए शिकायती पत्र दिया। उनका आरोप था कि उन्होंने कुछ महीने पहले बालावाला में गिरीश चंद्र मलासी से 0.073 एकड़ का भूखंड खरीदा, जिसका दाखिल-खारिज भी हो चुका है। मगर इस दौरान त्रुटिवश दस्तावेज में भूखंड का रकबा काफी कम चढ़ गया और उनके पिता थान सिंह रावत का नाम धाम सिंह रावत चढ़ गया। इसमें सुधार के लिए उन्होंने जब सर्वे कानूनगो किशन सिंह से मुलाकात की। इसपर कानूनगो ने पहले तो उन्हें काफी दौड़ाया, फिर कहा कि इस काम के लिए उसे पांच हजार रुपये की रिश्वत देनी होगी। प्रारंभिक जांच में फौजी के आरोपों की पुष्टि होने के बाद ट्रैप टीम का गठन कर बुधवार दोपहर सर्वे नायब तहसीलदार कार्यालय सदर गुरु रोड, पटेलनगर भेजा गया।

यहां जैसे ही किशन सिंह ने रिश्वत की रकम लेकर जेब में डाली, आसपास मौजूद टीम के सदस्यों ने उसे दबोच लिया। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पूछताछ में किशन सिंह नेगी ने बताया कि वह मूलरूप से ग्राम थुराऊ, कालसी का रहने वाला है। वहां से वह रोज आता-जाता है, लेकिन विजिलेंस को इस पर यकीन नहीं हुआ। एसपी ने बताया कि एक टीम उसके कालसी स्थित घर की तलाशी ले रही है। उसके देहरादून शहर में बनाए गए निजी या किराये के घर के बारे में भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। इस बाबत उसके सहकर्मियों के भी बयान लिए जा रहे हैं। 

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