पालिका मंथन से निकलने रत्न आपस मे बांट, अब कूड़ा विष पान को महादेव की प्रतीक्षा??

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https://youtu.be/zfXsjulnay4strong>पालिका मंथन से निकले कूड़ा विष पान के लिए महादेव की एक बार फिर से तलाश सुरु हो गयी है।

देवताओ और दैत्यों ने पालिका का खूब मंथन किया, मंथन में  धन, लक्ष्मी , और अन्य रत्न निकले जो आपस मे बांट लिए अब इस कुड़े रूपी हलाहल को ग्रहण करने के लिए कोई भी तैयार ही नही है। 
कुड़े रूपी इस विष के लिए एक दूसरे से सर पर दोष मढ़ा जा रहा है।
दरअसल वर्षो से गंगोरी के पास तेखला खड्ड में पालिका का कूड़ा डंप होता आ रहा था। इस बीच कई बार गंगोरी में कूड़ा डंपिंग का बिरोध भी हुआ पुलिस कार्यवाही हुई और शांत हो गया। विरोध बढ़ने पर नगर का कूड़ा बीच बाजार में जियो ग्रिड दीवार के पीछे डाला गया। व्यापार मंडल ने इस शर्त पर तीन महीने यहाँ कूड़ा डालने दिया कि इतने दिनों में कूड़ा निस्तारण की स्थायी व्यवस्था कर ली जाएगी। किन्तु पालिका प्रशासन फिर अपनी रंगीन दुनिया मे मस्त हो गयी।
https://youtu.be/0GgRUlwGMLA
 समय हाथ से निकला तो फिर से तेखला खड्ड में ही कूड़ा डालना सुरु कर दिया ।  पालिका में आरंभ से अबतक कितने ही बोर्ड बदले किन्तु डंपिंग की स्थायी व्यवस्था नही हुई और न ही कूड़ा  निस्तारण की।
नगर पालिका में घोटालो पर तो खूब जमकर काम हुआ किन्तु कूड़ा  निस्तारण को हमेशा ही हल्के में लिया गया।

https://youtu.be/zfXsjulnay4div

 

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https://youtu.be/0GgRUlwGMLAब जब उच्च न्यायलय ने तेखला खड्ड में कूड़ा डालने पर रोक लगाई तो फिर से कूड़ा नगर के बीच रामलीला मैदान में डाल दिया गया।

स्थानीय लोगो की माने तो पालिका को इस बीच कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए   कुछ समय की मांग करनी चाहिए थी जो नही की गई।
अब कूड़ा डंप करने के लिए कोई भी स्थान नही मिल रहा है जिस भी स्थल पर सहमति बनती है वहा स्थानीय लोग विरोध सुरु कर देते है।
14 जनवरी से इसी मैदान में माघ मेला होना है अगर कुड़े की समुचित व्यवस्था नही हुई तो मेला खटाई में पड़ सकता है।
फिलहाल पालिका प्रशासन ने कूड़ा बीनने वाले कबाड़ियों के साथ कुछ पालिका सफाई कर्मी भी मैदान में लगाये है जो कुड़े से प्लास्टिक और कांच की बॉटल अलग करते हुए डिकॉम्पोजबल कुड़े को एक तरफ करने की कोशिस करने में लगे है। इस पहल से  किसी चमत्कार  की उम्मीद तो नही की जा सकती पर एक सुरुवात तो मानी ही जा सकती है।
दरअसल बिना छंटाई के कूड़ा डंप करने से निकलने वाली बदबू से ही इलाके में लोग इसका विरोध करते आ रहे है। कुड़े से प्लास्टिक और कांच की बोटल अलग हो जाय तो कूड़ा मात्रा में भी कम होगा और जल्द खाद में भी बदल सकेगा।
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