प्रदेश में साइबर ठगों ने विदेश में पढ़ रहे छात्रों को लगाया चूना

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देहरादून। विदेशों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के परिजनों को शिकार बनाकर साइबर ठग धोखाधड़ी कर रहे हैं। उत्तराखंड एसटीएफ ने ऐसे ही गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 2 ठगों को थाना क्लेमेंटटाउन क्षेत्र से गिरफ्तार किया। ऑनलाइन ठगी का काला कारोबार क्लेमेंटटाउन क्षेत्र में चल रहा था। बैंक अकाउंट्स में एक महीने में करोड़ों रुपयों के लेनदेन की जानकारी मिली है। साइबर ठगी के इस गिरोह में अन्य सदस्यों पर कार्रवाई करने के लिए एसटीएफ देश के अन्य राज्यों से सूचनाओं को शेयर कर रही है।
बता दें कि कुछ समय पहले भारतीय साइबर क्राइम समन्वय केंद्र (आई4सी) के पोर्टल पर एक शिकायत मिली थी कि अमेरिका में पढ़ रहे तमिलनाडु के एक छात्र के साथ रुपए के बदले डॉलर देने के मामले में 70 हजार की धोखाधड़ी की गई है। जिसकी शिकायत उस छात्र के भारतीय परिजनों ने डायल 1930 साइबर पोर्टल पर दर्ज कराई गई। प्रथम जांच में पूरा साइबर गैंस उत्तराखंड से संचालित होना पाया गया। जिसके बाद उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने छात्र से अमेरिका में संपर्क किया। छात्र ने बताया कि उसको अमेरिका में किसी व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से एक नंबर प्राप्त हुआ था। जिसने उसे बताया कि वह भारतीय रुपयों को आसानी से ऑनलाइन ही डॉलर में उपलब्ध करा सकता है। इस पर साइबर ठग द्वारा पहले 1 डॉलर की धनराशि को उस छात्र के अमेरिका के खाते में आसानी से जमा कर दिया। जिससे उसे यकीन हो गया कि रुपए के बदले डॉलर आसानी से ऑनलाइन मिल जाएंगे। इस पर उस छात्र ने 70 हजार रुपए की धनराशि को डॉलर में उपलब्ध कराने के लिए साइबर ठग को ऑनलाइन दिया। लेकिन कोई भी धनराशि डॉलर में उसे प्राप्त नहीं हुईं। इसके बाद साइबर ठग द्वारा अपना फोन बंद कर दिया गया।
एसटीएफ ने शिकायत पर जांच शुरू की। इस दौरान पता चला कि अलग-अलग मोबाइल नंबर, संदिग्ध बैंक अकाउंट्स में पैसों का लेन देन देशभर में होने पाए गए। एक ही खाते में एक महीने में करीब 35 करोड़ रुपए का लेनदेन पाया गया। 51 डेबिट व क्रेडिट कार्ड बरामदरू प्रथम दृष्टया एसटीएफ को बैंक ऑफ महाराष्ट्र में खोले गए 6 बैंक खातों की जानकारी मिली। साथ ही इस गिरोह के कुछ सदस्य देहरादून के थाना क्लेमेंटटाउन क्षेत्र में सक्रिय हैं। जिस पर एसटीएफ को थाना क्लेमेंटटाउन क्षेत्र में होममेड किचन के नाम के रेस्टोरेंट में गिरोह सक्रिय रहकर काम करने की जानकारी मिली। इसके बाद एसटीएफ ने छापा मारकर 2 आरोपी दीपांशु सिंह गुरु (रेस्टोरेंट संचालक) और सौरभ कुमार को गिरफ्तार किया। इस दौरान 1 लाख 50 हजार रुपए कैश, 1 लैपटॉप, 7 मोबाइल फोन, अलग-अलग बैंक 14 डेबिट और 37 क्रेडिट कार्ड, बैंक पासबुक, चेकबुक बरामद की गई। अब तक कितने लोगों के साथ इस प्रकार की धोखाधड़ी की गई है, इसकी जानकारी के लिए एसटीएफ की टीम द्वारा आगे की जानकारी जुटाई जा रही है।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया है कि पकड़े गए आरोपी दीपांशु सिंह गुरु को 6-7 महीने पहले सौरभ कुमार रेस्टोरेंट में ही मिला था। सौरभ ने दीपांशु से कहा कि किसी भी बैंक के किसी भी व्यक्ति के सेविंग/करंट अकाउंट के साथ मोबाइल नंबर को उपलब्ध कराओगे तो 1 सेविंग अकाउंट पर 20 से 25 हजार रुपए और करंट अकाउंट पर 40 से 50 हजार रुपये तक मिलेंगे। जिस पर दीपांशु को लालच आ गया और उसके द्वारा बैंक ऑफ महाराष्ट्र, शिवालिक बैंक, कर्नाटक बैंक, आईडीएफसी बैंक, कोटक बैंक, यूको बैंक, फेडरल बैंक आदि निजी बैंकों में जाकर करीब 40 से 50 सेविंग और करेंट खाते खोले गए। अकाउंट्स दीपांशु ने अपने परिचितों और कुछ अपने स्तर पर मजदूरी करने वाले व्यक्तियों के 2 हजार से 3 हजार रुपये का लालच देकर खुलवाए। दीपांशु ने बैंक अकाउंट्स के सारे दस्तावेज सौरभ कुमार को उपलब्ध कराए और बदले में 8 से 10 हजार रुपए तक कमाए गए। इसी प्रकार सौरभ कुमार द्वारा अन्य लोगों के दस्तावेजों के साथ सेविंग और करंट बैंक अकाउंट्स खुलवाए गए। साथ ही करंट अकाउंट्स में लेन देन की सीमा 1 करोड़ रुपए से अधिक कराई गई।

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