खाने का तेल दुबारा प्रयोग करना स्वास्थ्य के लिए ठीक नही है इसे बेकार समझ कर फेंकने की बजाय बायो डीजल तैयार कर सकते है।
देहरादून। देहरादून में सीएसआईआर आईआईपी, एफडीए, एफएसएसएआई, गति फाउन्डेशन के संयुक्त प्रयासों से प्रयोग किए हुए कुकिंग ऑयल के पुनर्नियोजन संबंधी(रीपर्पज यूज्ड कुकिंग ऑयल) एक्सप्रेस का शुभारंभ किया गया। डॉ पंकज पांडे, आईएएस, सचिव, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखंड सरकार इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
गिरीश गैरोला
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रयोग किए हुए खाना बनाने के तेल के दोबारा खाद्य पदार्थों हेतु उपयोग किए जाने से हमारे स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर होने वाले नकारात्मक प्रभाव के बारे में अधिकांश लोग परिचित नहीं है. उन्होंने कहा कि आज शिक्षा, प्रवर्तन तथा पारिस्थितिकी तंत्र अर्थात एजुकेशन, एनफोर्समेंट और इको सिस्टम 3 ई बहुत महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने उत्तराखंड में प्रयोग किए हुए खाना बनाने के तेल की इसके पुनर्नियोजन हेतु आपूर्ति श्रृंखला के विकास की आवश्यकता पर भी बल दिया. इस अवसर पर उनके साथ गणेश कंदवाल, अनूप नौटियाल, (गति फाउंडेशन) तथा डॉ. अंजन रे, निदेशक, सीएसआईआर दृ आईआईपी भी उपस्थित थे. डॉ अंजन रे, निदेशक, सीएसआईआर -आईआईपी ने प्रयोग किए हुए खाना बनाने के तेल(कुकिंग ऑयल) को बायो ईंधन के रूप में परिवर्तित कर पुनः प्रयोग सम्बंधी परियोजना, इसकी आवश्यकता और इसके महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने यह भी बताया कि इससे जहां एक और उत्सर्जन में कमी आएगी, वही इससे पर्यावरण संरक्षण भी होगा तथा आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी।
सीएसआइआर-आईआईपी के डॉ. नीरज अत्रे, डीपी बंगवाल, डॉ. ज्योति पोरवाल, डॉ नागेंद्रम्मा, अमन और प्रियंका भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। खाद्य एवं औषधि प्रशासन उत्तराखंड तथा सिविल संस्था गति फाउंडेशन तथा उत्तराखंड सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में देहरादून स्थित 12 प्रसिद्ध होटल अथवा रेस्टोरेंट जैसे कि कुमार स्वीट्स, आनंदम स्वीट्स, एरोडाइन रेस्टोरेंट, एलोरा बेकरी तथा कुछ स्थानीय प्रतिष्ठित कैटरर्स ने भी भाग लिया.
इस अवसर पर डॉ. पांडे एवं डॉ. अंजन रे ने ‘यूको’ परियोजना के अंतर्गत प्रयोग किए हुए खाना ब्नाने वाले तेल के संग्रह में सक्रिय रूप से सहयोग देने वाले सहयोगियो को मान्यता प्रमाणपत्र भी प्रदान किए. इस अवसर पर प्रयोग किए हुए खाने के तेल का संग्रह कर इसकी आपूर्ति करने वाली पहली त्न्ब्व् एक्सप्रेस को भी मुख्य अतिथि के द्वारा झंडा दिखाकर रवाना किया गया. इस रूको एक्सप्रेस में 20 – 20 लिटर के 15 कैन थे, जिनमें लगभग 300 लीटर प्रयोग किया हुआ संग्रहीत कुकिंग ऑयल था. यह एक्सप्रेस सीएसआइआर आईआईपी में इस तेल की पहली आपूर्ति करेगी जहाँ बायोडीजल उत्पादन में इस तेल का पुनर्नियोजन किया जाएगा. इस अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों तथा मीडिया के समक्ष प्रयोग किए हुए खाने के तेल से बायोडीजल निर्माण सम्बंधी एक डेमो भी दी गई।
