बदनामी के डर से चाचा ने गला घोंट कर कर दी भतीजी की हत्या।

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48 घंटे में ही पुलिस ने हत्या के जुर्म में नाबालिग के चाचा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोपी ने बताया कि बच्ची का चाल चलन ठीक नही था , बच्ची को किसी अन्य के साथ देखकर वो खुद पर काबू नही रख सका और भतीजी कब दुपट्टे से ही उसका गला घोंट दिया।

शैलेन्द्र सिंह, लाल कुंआ।

बदनामी और सामाजिक प्रतिष्ठा के डर से नाबालिग के चाचा ने गुस्से में जिस भतीजी की हत्या कर दी उकि मौत ने फिर भी उसका पीछा नही छोड़ा। सामाजिक प्रतिष्ठा तो गयी ही बदनामी पहले से ज्यादा हो गयी। पूरे इलाके में खबर आग की तरफ फैलने के बाद अब कोर्ट कचहरी के चक्कर और जेल की काल कोठरी। बदलते सामाजिक परिवेश में एकाकी परिवार को भी हम लोग समय नही दे पा रहे है और जब इस तरफ ध्यान जाता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है इसके बाद भी दुसरेके साथ हुई घटना से सबक लेने की बजाय हम पहले से तैयारी न करके खुद की बारी का इंतजार करते है और फिर आवेश में आकर ग़लत कदम उठा बैठते है। लाल कुंआ नाबालिग मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ।

– नाबालिग किशोरी हत्याकांड के मामले का पुलिस ने 48 घंटे के अंदर खुलासा करते हुए घटना को अंजाम देने वाले उसके सगे चाचा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार मृतका किशोरी के भाई की नामजद तहरीर पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए मृतका के चाचा को गिरफ्तार कर उससे गहन पूछताछ की जिसमें मृतका के चाचा कांशीराम ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पूरे मामले पर अपर पुलिस अधीक्षक राजीव मोहन ने बताया कि घटना के बाद से ही खुलासे के लिए तीन टीमें गठित की गई थी जिसमें फॉरेंसिक एक्सपर्ट की भी मदद ली गई। पूछताछ में मृतका के चाचा ने बताया कि उसे अपनी भतीजी के चाल चलन पर शक था और 14 अगस्त की सुबह उसने एक लड़के के साथ अपनी भतीजी को देखा जिसके बाद उसे बहुत गुस्सा आया और उसने बदनामी के डर से अपनी भतीजी के दुपट्टे से ही उसका गला घोट दिया है जिसके कारण वह मौके पर ही मर गई और उसने अपनी भतीजी की लाश को जंगल में फेंक दिया पुलिस ने आरोपी चाचा के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201 का मुकदमा पंजीकृत करते हुए जेल भेज दिया।

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