दायित्व मिलने की उम्मीदें ठंडी, पंचायत चुनाव में निर्दलीय पार्टी पर भारी -खराब हुआ नेताजी का रिपोर्ट कार्ड ।

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देहरादून। उत्तराखंड में भाजपा के लिए पंचायतों के चुनाव बहुत ज्यादा उत्साहित करने वाले नहीं हैं और इसीलिए पार्टी संगठन की भाषा भी बदल गई है। पंचायत चुनावों से पहले बीजेपी संगठन ने संकेत दिए थे कि चुनाव परिणाम आने के बाद दायित्व बांटे जा सकते हैं। लेकिन अब संगठन महामंत्री खजान दास कह रहे हैं कि दायित्व बांटना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और वही इस बारे में बता सकते हैं। प्रदेश में जिला पंचायत सदस्य के चुनावों में भाजपा का गणित तो निर्दलियों ने खराब किया है लेकिन इसका खामियाजा पार्टी के उन कार्यकर्ताओं को भुगतना पड़ेगा। 

गिरीश गैरोला

जिला पंचायत में भाजपा को 122, निर्दलियों को 144 और  कांग्रेस को 88 सीटें मिली हैं। लोकसभा, विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत पाने वाली भाजपा के लिए पंचायत चुनाव बहुत उत्साहित करने वाले नहीं है। ऐसे में माना जा रहा था कि कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को चुनावों को जीतने का तोहफा दायित्वो के रूप में नहीं मिल सकेगा। जिन्हें इसकी उम्मीद बंध गई थी. हालांकि यह उम्मीद बंधना गलत भी नहीं था।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले पार्टी महामंत्री खजान दास ने संकेत दिए थे कि चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी दायित्व बांट सकती है। खजान दास ने कहा था कि त्रिस्तरीय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन होगा और उसके बाद पार्टी संगठन भी कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत, सम्मानित करने की सिफारिश करेगा। अब चूंकि निर्दलियों की वजह से बीजेपी का प्रदर्शन खराब हो गया है तो संगठन की जुबान भी बदल गई है। पार्टी महामंत्री खजान दास अब कह रहे हैं कि दायित्वों के बंटवारे का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है और वही इस बारे में बता सकते हैं. हालांकि कोशिश की जाएगी कि जल्द से जल्द दायित्वों का बंटवारा हो जाए।

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