मजदूरों की खून पसीने की कमाई में कौन कौन है हिस्सेदार?उत्तरकाशी।
हर घर तक बिजली देकर रोशन करने की पीएम मोदी की पहल को धरातल पर जो मजदूर खून पसीने से सींचने में लगे है उन्ही की मेहनत को विभाग घुन की तरह चट करने में लगा है , इतना ही नही अपने हक की आवाज उठाने पर नौकरी से निकालने की धमकी देकर गरीब का मुंह बंद करने की चेतवानी दी जाती है।
गिरीश गैरोला ।
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय हो अथवा ग्रामीण इलाका बिजली की लाइन मरम्मत के लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप से मजदूर आउटसोर्स पर रखे गए है। मजदूर संघ के आशीष बहुगुणा ने डीएम उत्तरकाशी आशीष चौहान को ज्ञापन देकर बताया कि विभाग से उन्हें प्रतिमाह 15563 रु वेतन दिया जाता है जबकि उन्हें केवल 8035रु ही दिए जाते है। साथ ही बोनस के रूप में प्रतिमाह 575.66रु जो वर्ष भर में 7000 रु होते है, विभाग से मिलता है, किंतु उन्हें कोई बोनस नही दिया जाता है। इसके अलावा पूर्व में ही 1288 रु ईपीएफ के रूप में प्रतिमाह काटे जाते रहे है जिसे अब दो गुना कटवाने का दबाव बनाया जा रहा है।
सेल्फ हेल्प ग्रुप के आशीष ने बताया कि 8 हजार के अल्प वेतन में ही उनसे 2374 रु जीएसटी के भी काट लिए जा रहे है ऐसे में उन्हें अपने परिवार के पालन पोषण में दिक्कत आ रही है।डीएम आशीष चैहान ने मौके पर ही विधुत विभाग के अधिशाषी अभियंता को उक्त समस्या का समाधान करने के निर्देश दूरभाष पर दिए।
जब हमने विभाग के अभियंता गौरव सकलानी से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने इसे ठेकेदार का मामला बताकर पल्ला झाड़ने को कोशिश की , फिर बोले जो लोग कई दिनों से काम पर नही आ रहे है वे अब नेतागिरी कर रहे है, जब हमने उन्हें डीएम हुई वार्ता का हवाला दिया तो कहा ठेकेदार से पूछकर मामले का संज्ञान लेंगे।