टिहरी सड़क हादसे में 9 मासूम बच्चों की मौत के बाद टिहरी के पूर्व विधायक और कांग्रेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का दर्द शब्दो मे ऐसे बहा कि सत्ताधारी पक्ष हो अथवा विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी पर गहरे अर्थों में सवाल खड़े किए है, भले ही शब्दों में खुद को जिम्मेदार बताया है वही शब्दो के जंजाल में अपने पराए सभी लोगो की भूमिका को भी संदिग्ध करार दिया है।
खुद किशोर की जुबानी बच्चों की पीड़ा कुछ इस अंदाज में बयां हुई
गिरीश गैरोला
मैं टिहरी में हुई दुर्घटना का जिम्मेदार खुद को मानता हूँ। —————————————–
अर्थियों पर फूल या फूलों की अर्थियां:
टिहरी की भयंकर सड़क दुर्घटना जिसमें 10 मासूम बच्चों की अकाल मृत्यु हो गयी थी, कुछ बच्चों की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है, को हुए 30 घंटे से अधिक हो गए हैं। शासन और प्रशासन के उच्च स्तर पर न कोई दुःखी हुआ है और न ही शर्मसार।
मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, शिक्षा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, सड़क मंत्री का जीवन सामान्य गति से चल रहा है। अभी तक किसी ने भी जिम्मेदारी नहीं ली है। तीन-चार अदने से कर्मचारियों को बर्खास्त कर हाथ झाड़ दिए गए हैं।
पिछले साल धूमाकोट में हुई भयंकर बस दुर्घटना, जिसमें 49 लोगों की जान गई थी, के बाद भी कुछ कर्मचारियों को हटाया गया था, पर उससे क्या हुआ??
क्या RTO पौड़ी से हटाकर RTO देहरादून बना दिया जाना सजा है??
और कोई माने या न मानें, लेकिन मैं टिहरी में हुई दुर्घटना का जिम्मेदार खुद को मानता हूँ।
मैं उत्तराखंड का एक आम नागरिक हूँ, मैं चुप हूँ इसी लिए राज्य में इस स्तर का भ्रष्टाचार और प्रशासनिक कोताही हो रही है।
मैं चुप हूँ इसलिये अर्थियों पर फूल की जगह फूलों की अर्थियां देखने को अभिशप्त हूँ।
मैं चुप हूँ इसलिये, राज्य में रोज होने वाली दुर्घटनाओं का संज्ञान लेने वाला भी कोई नहीं है।
मैं मानता हूँ कि इन सारी दुर्घटनाओं का कारण मैं ही हूँ, मेरी चुप्पी ने ही इन मासूमों को अकाल मृत्यु दी है, इसलिये मैं कल शाम 5:30 बजे, यमुना कॉलोनी चौक (दून स्कूल के बाहर-चकराता रोड) से, मृतक बच्चों की आत्मा की शांति के लिए शांतिपाठ करता हुआ, परिवहन मंत्री के घर जाऊंगा, परिवहन मंत्री के घर के बाहर भी शांति पाठ करूँगा और मृतक बच्चों की याद में दिया जलाऊंगा।
यदि आप जिंदा हैं, तो आप भी अपनी भूमिका तय कीजिये।
8 जुलाई 2019, बृहस्पतिवार – समय 5.30 शाम, स्थान : दून स्कूल / यमुना कॉलोनी चौक, चकराता रोड, देहरादून।