प्रयागराज। मिर्जापुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गंगा यात्रा की सुरक्षा में सेंधमारी का मामला सामने आया है। इस बात की सूचना जैसे ही आलाधिकारियों को हुई उनके होश उड गये।
अंकित तिवारी।
देश में नमामि गंगे परियोेजना की सफलता के लिए मुख्यमंत्री का काफिला मां विंध्यासिनी धाम पहुचा ही था कि वहां पर एक माघ मेला प्रयागराज के लिए जारी मीडिया पास की एक गाडी लावारिश हालत में खडी पायी गई। जिसको हटाने के लिए डयूटी पर मौजूद इंस्पेक्टर शेषधर पाण्डेय ने कोशिश की लेकिन नाकाम होता देख उन्होने मीडिया पास पर लिखे मोबाइल नम्बर पर फोन लगा दिया। फिर क्या फोन उठते ही मामले का खुलासा हो गया। फोन उठाने वाला व्यक्ति प्रयागराज में था और उसने पुलिस को बताया कि प्रयागराज सूचना विभाग में पास के लिए आवेदन किया था लेकिन पास नहीं बन पाया। सूचना विभाग की हिलाहवाली के कारण पास पर लिखा हुआ नाम, मोबाइल नम्बर और पता उसी का है , लेकिन फोटो किसी और कि थी। तब पुलिस ने व्हाटसअप पर पास की और गाड़ी की फोटो भेजी। तो पास पर फोटो किसी दूसरे की लगी हुई पाई गयी। जिस पर अखबार मालिक ने इंस्पेक्टर से तत्काल गाडी सीज करने की बात कही और पुलिस ने गाडी को कब्जे में ले लिया।
अब सवाल उठना लाजमी है कि आखिर एक अंजान व्यक्ति के पास दूसरे अखबार का मीडिया पास कैसे पहुचा। जबकि अखबार के संपादक अनुराग तिवारी का कहना है कि उन्होंने अपने पत्रकार को पास के लिए आवेदन किया था लेकिन सूचना विभाग ने बताया कि पास नहीं बन पाया है आप फोटो दुबारा दे दीजिए, लेकिन फिर तीबारा फोटो नहीं दी गई। सम्पादक का कहना है कि सूचना विभाग ने मेरे अखबार के नाम पर माघमेला पास को बेच दिया है। अब पुलिस की पूंछतांछ में स्पष्ट होगा कि आखिर उस गाडी मालिक तक यह पास कैसे पहुचा।
सूचना विभाग में पास बनाने वाले जिम्मेदार अधिकारी मामले से कन्नी काट एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे है