“बीरोंखाल के पूर्व सैनिक रमेश बौड़ाई के घर चाचा नेहरू से जुड़ा अनोखा दस्तावेज”..।
भगवान सिंह , चौबट्टाखाल विधान सभा
विलुप्ति की कगार पर खड़ी कांग्रेश ने देर से ही सही अपनी गलतियों को सुधार के साथ बीजेपी की बढ़ती लोक प्रियता पर खूब अध्ययन कर पार्टी में बदलाव लाने के संकेत दिए थे, आरएसएस की तर्ज पर संगठन बनाने का प्रयास उसमें से एक उदाहरण है। इसी कड़ी में एक कदम आगे बढ़ते हुए उस दौर के नेहरू को आज के मोदी जैसे ही लोकप्रिय दिखाने के लिए पौड़ी में उनके प्रशंसक ने बाल दिवस पर एक दस्तावेज मीडिया के सामने प्रस्तुत किया।

पौड़ी जनपद की चौबट्टाखाल विधानसभा के अन्तर्गत बीरोंखाल क्षेत्र के नंदाखेत गाँव में पूर्व सैनिक और पर्यावरणविद रमेश बौड़ाई के घर में देश के प्रथम प्रधानमंत्री प.जवाहर लाल नेहरू, की यादों से जुड़ा कई मीटर लम्बा दस्तावेज मौजूद है,इस दस्तावेज के बारे में जानकारी देते हुये बौड़ाई ने बताया कि उनके उनके स्वर्गीय ससुर शोभाराम संतोषी जी,जो पौड़ी जनपद की थैलीसैंण तहसील के हैंसुड़ी गाँव के निवासी थे, ने उन्हें यह दस्तावेज़ सौंपा है,जिसमें नेहरू जी के बाल्यकाल से लेकर उनके प्रधानमंत्री बनने और अन्तिम साँस लेने तक की अख़बार और पत्रिकाओं में उनके बारे में छपी खबरों का संकलन है।

हालांकि आज देश में देश के प्रथम प्रधानमंत्री चाचा नेहरू की पार्टी कांग्रेस काफ़ी पिछड़ रही है,मगर पौड़ी के बीरोंखाल के नंदाखेत गाँव में नेहरू जी के 14 नवम्बर 1889 को जन्म से लेकर उनकी मृत्यु 27 मई 1964 तक पूरा जीवन वृत्तान्त संरक्षित होने का ये मतलब जरूर है कि नेहरू जी अपने दौर में अपनी कार्यशैली से वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी से कमतर लोकप्रिय नहीं थे।
