देहरादून। मित्र पुलिस का नशे के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है। राजधानी दून के तकरीबन हर थाना क्षेत्रों में पुलिस के इस अभियान की धज्जियंा उड़ती देखी जा सकती है। हालांकि पुलिस के आलाधिकारियों का दावा है कि वह दून को नशे के इस कारोबार से निजात दिलाने का पूर्ण प्रयास करेंगे।उत्तराखण्ड की अस्थायी राजधानी देहरादून घोषित होने के बाद यहंा अन्य कारोबारियों की तरह नशे के कारोबारियों ने भी अपनी पैठ जमाने की कोशिश की। अन्य कारोबारी तो अपनी इस कोशिश में कामयाब हुए कि नही यह अलग विषय है, लेकिन नशा कारोबारियों ने दून में अपनी पकड़ समय रहते मजबूत कर ली। पुलिस के आलाधिकारियों को जब तक यह समझ में आया नशा कारोबारी राजधानी दून में अपनी पैठ बना चुके थे।पिछले लम्बे अर्से से दून पुलिस ने नशे के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है। हालंाकि पुलिस अब तक कई नशा तस्करों के जेल की सलाखों के पीछे भेज चुकी है लेकिन फिर भी दून में नशा व नशा तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। राजधानी दून के कई थाना क्षेत्रों में आज भी नशा खुलेआम बिकते देखा जा सकता है। रायपुर थाना क्षेत्र के कुछ ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी कि क्षेत्र के कई स्थानों पर खुलेआम नशा बेचा जा रहा है जिससे क्षेत्र के युवा तो बरबाद हो ही रहे है आम आदमी को भी इसकी वजह से कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बताया तो यहंा तक जा रहा है कि सुबह सवेरे से स्कूली बच्चे भी अपनी डै्रस मे आकर नशे का इस्तेमाल करते नजर आते है। क्षेत्रवासियों का कहना है जब हम इस विषय में थाना पुलिस को सूचना देते है तब भी पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करती है। उल्टे पुलिसकर्मी यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते है कि उनके पास से माल बरामद करवाओ तभी हम उनको पकड़ने का काम करेंगे। अब देखना यह है कि पुलिस के आलाधिकारी क्षेत्रवासियों की इस बात को कितनी गम्भीरता से लेते है और नशा कारोबारियों पर कब तक शिंकजा कस पाते है।