लाठी थामकर प्रमोद से बने गोपाल – कूड़े से गौवंश बचाने की सुरु हुई पहल।

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लाठी लेकर प्रमोद ने संभाली गोपाल की जिम्मेदारी।

गिरीश गैरोला

दूध न देने वाली गौ माता को सड़क पर छोड़ने वालो पर कोई कार्यवाही न होते देख प्रमोद ने गोपाल कृष्ण की जिम्मेदारी संभालते हुए इन पशुओं को चराने चूंगाने की जिम्मेदारी थाम ली है। दरअसल कथा प्रवचन से भी जब जिम्मेदार लोगों ने कोई सबक नही लिया और नगर पालिका ने भी गौ वंश के लिये कोई व्यवस्था नही की तो प्रमोद ने खुद लाठी लेकर ये नई जिम्मेदारी थाम ली है। नगर पालिका चिन्यालीसौड़ के पास कूड़ा निस्तारण के लिए स्थल नही है , पालिका रास्ट्रीय राजमार्ग से लगे ढलान पर कूड़े को डाल कर उसे आग के हवाले कर देती है , कूड़े को जलाने से निकलने वाली गैस अत्यंत जहरीली होती है, कूड़े में पड़े भोज्य पदार्थ को गाय के झुंड खा रहे थे , इससे इनके बीमार होकर मरने का खतरा था, जब समाज का कोई वर्ग सामने नही आया तो प्रमोद ने इसकी पहल की जो स्वागत योग्य है।जहाँ तक मेरी जानकारी है प्रमोद कोई चुनाव नही लड़ रहे है ये सेवा वे अपने मन से कर रहे है। अन्यथा ग्राम प्रधान से लोक सभा चुनाव तक गौमाता को प्रचार का साधन बनते देखा है।  प्रमोद की इस पहल से समाज के लोग प्रेरित होंगे और हर सम्भव मदद इस नेक काम मे करेंगे ऐसी अपेक्षा चिन्यालीसौड़ वासियो से की जा रही है, जिस रूप में जितना भी संभव हो मदद मिले और एक व्यक्ति द्वारा सुरु किया गया  ये प्रयास एक कारवाँ बनता रहे ऐसी कामना है।बतौर प्रमोद खुद का एक संदेश ।

चिन्यालीसौड़ वासियो के नाम।सरकार और जिला प्रशासन उत्तरकाशी तथा लोकलस्तर और जिलास्तर के नेताओ/उपनेताओ/व्यापारियों/ समाजसेवियों/ तथाकथित गौ-सेवको द्वारा आवारा बना दी गयी गौ-माताओ की सेवा मे अपने हाथ खडे कर दिए जिसे देखते हुए मैने सुबह-शाम नगरपालिका परिषद चिन्याली सौड द्वारा छोडे गए कूडे के ढेर से इन गायो को खदेडकर चुगाने का काम शुरू कर दिया हैं, क्योकि कूडे के ढेर से बासी पदार्थो का सेवन करके यह गायें जादातर बीमार हो रखी हैं

, इन गायों के गोबर मे जादातर प्लास्टिक की थैलिया निकल रही है जो कि चिन्ता का विषय हैं , मेरा सभी व्यापारियों से निवेदन है कि अपनी दुकानों मे चोरी-छिपे प्लास्टिक का प्रयोग न करें यह प्लास्टिक इन गौ-माताओ के लिए जानलेवा सिद्ध हो रहा हैं ! चंद रूपयों के लालच मे किसी निर्बोले पशु की जान लेना अच्छी बात नही हैं ! गौ-हत्या का पाप पांडवो पर भी लगा था हम सब तो आम इन्सान हैं !

कुछ दिनो तक जलविहीन इस नगुण सेरा मे आप भी मधुसूदन बनकर गायों की सेवा करके पुण्य के भागीदार बने ! आप सभी सहायता करते तो उत्तम गौ-शाला बनकर तैयार हो गयी होती परन्तु यदि आत्मा ही मर जाए तो कहा क्या जा सकता हैं, फिर भी आवारा बना दी गयी गौ-माता आप सभी का कल्याण करें  ! जय गौ-माता !

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