वर्ष भर की मेहनत में हिस्सा लेने पहुँचा बाहुबली तो हुआ ये हश्र।

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महीने खेत मे मेहनत के बाद तैयार फसल पर जंगली हाथी अपनी दबंगई से हक जमाने आ रहे है हर वर्ष अपनी खून पसीने कक मेहनत को यू ही बर्बाद होते देख ग्रामीणों ने जो तरीका अपनाया उससे उनकी फसल की सुरक्षा तो हो गयी किन्तु जंगल का कानून भंग हो गया। जंगली जानवरों पर हक जताते वाला वन महकमा हाथी की मौत के बाद धरपकड़ के लिए तो गाँव मे पहुँच गया किन्तु वर्षों से किसानों की वर्ष भर की खेत की मेहनत जानवरो द्वारा बर्बाद होने पर कोई कार्यवाही नही करता। अब शारीरिक बल और दिमाग मे जंग हुई तो जीत दिमाग की ही हुई , सवाल ये है कि ऐसी नौबत आने से पूर्व वन विभाग तैयारी क्यों नही करता।

भगवान सिंह कोटद्वार पौड़ी।


लैंसडाउन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज के अंतर्गत झंडिचौड पूर्वी में एक नर हाथी का शव मिला है। रेंज ऑफिसर बीपी शर्मा ने बताया कि झंडिचौड पूर्वी गांव में घनी आबादी के लोग जंगली जानवरों से बचने के लिए अपनी सुरक्षा दीवारों पर विधुत करंट का इस्तेमाल करते है। वन विभाग को भी हाथी की मौत प्रथम दृष्ट्या बिजली करंट लगने ही प्रतीत हो रही है।

-झंडिचौड पूर्वी में नर हाथी का शव मिलने से सनसनी फैल गयी तो वन विभाग में भी हड़कंप मच गया। इस समय ग्रामीणों ने खेतो में गेंहू की फसल बोई है जिसे खाने के लिए हाथी गांव की ओर रुख कर रहे है। फसल को नुकसान से बचाने के लिए कास्तकार तारबाड़ में विधुत करंट का इस्तेमाल कर रहे है। कल रात जैसे ही हाथियों का झुंड फसल के करीब पंहुचा तो एक नर हाथी उस विधुत करंट की चपेट में आ गया और मौके पर ही हाथी की मौत हो गयी। अन्य हाथी वापस जंगल की और चले गए। वन विभाग ने मौके पर पंहुच कर हाथी के शव को कब्जे में ले लिया।हाथी को देखने के लिए ग्रामीणों का भारी जमावाड़ा लग गया जिसको हटाने के लिए वन विभाग को पुलिस का सहारा लेना पड़ा। वन क्षेत्राधिकारी का कहना है हाथी फसलो को खाने के लिए आबादी की और रुख कर रहे है। कास्तकार फसलो को बचाने के लिए विधुत करंट का इस्तेमाल कर रहे है। इसी करंट के कारण हाथी की मौत हुई है।हाथी का पोस्टमार्टम कराया जा रहा हैं कन्फर्म पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।

बाइट-बीपी शर्मा-वन क्षेत्राधिकारी, कोटद्वार रेंज

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