विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को घर के अनुभवी बुजुर्ग का मिला आशीर्वाद

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बुजुर्गों को मिला सहारा तो मिला लोकतंत्र को  मिला उनका आशीर्वाद, छलकती आंखों को साफ कर पूछने लगे बुजुर्ग फिर कब होगा चुनाव?
 बदलती सामाजिक व्यवस्था में घर के एक कोने में उपेक्षित पड़े घर के मुखिया और दिव्यांग बुजुर्ग को चुनाव आयोग के निर्देश पर स्वयं सहायता समूह और मतदान कर्मी मतदान करने के लिए लेने पहुँचे तो लोकतंत्र में घर के सबसे अनुभवी बुजुर्ग को लोकतंत्र में विश्वास और गहरा हो गया।
  हरीश असवाल

राष्ट्रीय सेवा योजना और जूनियर रेड क्रॉस के राजकीय इंटर कॉलेज श्री अकाल खाल के स्वयं सेवियों   द्वारा निकटवर्ती गांव में उम्र दराज वृद्ध और दिव्यांगजनो  को मतदान स्थल तक लाने ले जाने में सक्रिय भूमिका निभाई गयी।

जिंदगी से निराश हताश घर में दुबके  कई निशक्त बुजुर्गों को प्रेरित कर उन्हें  मतदान केंद्र तक पहुंचाने में मदद की ।
राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी सुरक्षा रावत के नेतृत्व में मतदान के दिन 11 अप्रैल को  आसपास के मतदान केंद्रों में मतदान कर्मियों की मदद से शत प्रतिसत मतदान के लिए प्रेरित किया गया।
 स्वयंसेवीयो में  कुमारी मोनिका मीनाक्षी , उपासना , साक्षी,  करिश्मा, अंजलि ,मनीषा ,रीना रमोला,  सोनिका, सुमनी, लक्ष्मी , सुमन सिंह,  रामदेव ,मोहित ,जय वीर, मयंक रोबिन  और पिंकेश की सराहनीय भूमिका रही कार्यक्रम कोई सफल संचालन में सुरक्षा रावत के साथ शिक्षिका रामपति और पूजा चमोली का विशेष  योगदान रहा
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