जन्म दिन की बधाई श्री राम, सड़कों पर निकला जन सैलाब

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भक्ति-भाव का ऐसा संगम हुआ कि हर रामभक्त हनुमान बन गया

अंकित तिवारी

बिहारशरीफ:भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के एक दिन बाद शनिवार को शहर में श्रद्धा, उल्लास और भक्ति का जनसैलाब उमड़ पड़ा। जय श्रीराम की आवाज से पूरा शहर गूंज रहा था। आस्था का ऐसा ज्वार उमड़ा कि कण-कण में भगवान राम नजर आए। भक्ति-भाव का ऐसा संगम हुआ कि हर रामभक्त हनुमान बन गया और प्रभु के चरण में शीश नवाता रहा। सड़कों पर उमड़ी हज़ारों की भीड़ भगवान राम के प्रति अगाध श्रद्धा को प्रकट करने सड़को पर उतर पड़ी।

शोभायात्रा में युवाओं के बीच ऐसा उल्लास था कि जयकारे और ताशे व बैंड बाजे की धुन कई किलोमीटर तक श्रद्धालुओं में भक्ती की शक्ति पिरो रही थी। विक्की छाबड़ा के गीत ने तो जमकर शमां बांधा। थिरकती टोलियां रामनवमी में भक्ति का भाव भर रही थी। रामनवमी की शोभायात्रा में जब भगवान राम की सेना रामभक्तों के रूप में निकली तो श्रद्धा चरम पर पहुंच गई। जनसैलाब ऐसा उमड़ा कि बच्चे, युवा,महिला और बुजुर्ग सभी शोभयात्रा में शामिल हो गए। नन्हे-मुन्ने श्रीराम एवं हनुमान का रूप धारण कर पहुंचे थे। भगवान की लीला देखने के लिए सड़क किनारे श्रद्धालुओं का हुजूम था। महिलाएं भी भव्य ऐतिहासिक जुलूस का गवाह बनने घर से निकल पड़ी थीं।

भक्ति गीतों से माहौल राममय हो गया था। सर पर पगड़ी,हाथ मे पारंपरिक हथियार लिए युवा जय श्री राम के नारों के साथ पूरे माहौल को राममय बनाते दिखे। शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के लिए सेवा शिविर लगाने वाली संस्था एवं लोगों के समूह ने भी श्रद्धा का परिचय दिया।सभी के लिए पीने के लिए पानी व सरबत का इंतिज़ाम कर रखा था। भगवान श्रीराम की भक्ति ऐसी अनूठी थी कि इसमें सब कुछ विलीन होता चला गया। वाहनों पर सजायी गयी धार्मिक प्रसंगों की झांकियां देखकर रामभक्तों के हाथ जुड़ रहे थे और खुद ब खुद जयघोष निकल रहे थे। वही फेंकू मियां की रथ पर सवार होकर भक्त पूजा की थाल लिए अखाड़ा पर तक पहुंचे। रामनवमी के उल्लास में युवा वर्ग घंटों तक मुख्य शोभायात्रा मार्ग पर झूमता रहा। टोली एवं अखाड़ा के साथ निकली युवाओं की टोली ताशा एवं नगाड़े की धुन पर थिरकते हुए जयघोष कर रही थी। भरावपर बेटियों ने लाठी का खेल दिखाकर सभी के अंदर जोश भर दिया। भगवान श्रीराम एवं हनुमान की भक्ति सड़कों पर पसरी दिखी। जो जहां था वहीं से उल्लास के भाव को और तेज कर रहा था। कुछ थिरक कर तो कुछ जयकारे लगाकर। मुख्य शोभायात्रा मार्ग के चौक-चौराहों के पास समूह में एकत्र महिलाएं भी जयकारे लगा कर टोलियों का उत्साहवर्द्धन कर रही थीं।अगर धार्मिक सहिष्णुता के लिहाज से देखा जाए तो सचमुच आज राम सबके काम के हो गए। बिहारशरीफ की गलियों में दो कौम की मिल्लत ऐसा दिखा कि यकीन हो चला कि इस शहर की कौमी एकता को कोई हिला नही सकता।नज़र जिधर भी गयी बस भगवा व तिरंगा का कोलाज ही दिखा।सूफी संतों की नगरी जय श्री राम जय श्री राम के नारों से गुंजायमान होता रहा। शोभायात्रा के दौरान पांच किलोमीटर सड़क मार्ग के परिधि में केसरिया झंडे व भगवा वस्त्र धारण किए राम भक्तों के जत्थे ही जत्थे नजर आ रहे थे।
जय श्री राम के नारों के साथ राम भक्तों ने मर्यादित तरीके से जुलूस को निकाला तो मुसलमान भाइयों ने हिन्दू धर्म का सम्मान करते हुए अपने अपने इलाकों में पानी का पियाऊ लगाकर शहर में अमन चैन व गंगा जमुनी तहजीब को धरातल पर उतारने की कोशिश की।इतनी भारी भीड़ देखकर सभी का पसीना छूट रहा था लेकिन डीएम व एसपी मुस्कुराते दिखे मानो उन्हें विश्वास था कि शहर न सिर्फ ऐतिहासिक जुलूस का इतिहास रचेगी बल्कि यहां के लोग कौमी एकता का बेंचमार्क ऐसा सेट करेंगे जो पूरे सूबे के लिए नजीर पेश करेगी।पुलिस प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था व आम जनों के सहयोग की भावना ,आशंकाओं पर भारी दिखी।कांटा पर नदी मोड़,बड़ी दरगाह में जैसे ही जुलूस इंटर की वैसे ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अपने लोगों को सड़क से हटकर अपने अपने घरों में रहने की अपील करते दिखे।जुलूस की शक्ल आखिरकार मणिराम बाबा के अखाड़े पर आकर खत्म हुई।भव्य आरती का आयोजन हुआ।डीएम डॉ.योगेंद्र सिंह,एसपी नीलेश कुमार ,नगर आयुक्त सौरभ जोरबाल ,एसडीओ जनार्दन प्रसाद अग्रवाल,डीएसपी सदर इमरान परवेज़, डीएसपी संजय कुमार, बीडीओ,सीओ व सभी पुलिस पदाधिकारियों व जवानों की जितनी तारीफ की जाए कम होगी। हालांकि कुछ लोगों ने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अपनी मौजूदगी का भी अहसास कराया ताकि शहर में अमन चैन बनी रहे।
डीएम व एसपी ने कहा कि शहरवासियों ने आज हमलोगों को जो इज्जत बख्शी है उसके लिए में इस शहर का शुक्रगुजार रहूंगा।लोगों ने गंगा जमुनी तहजीब की लाज रखी।

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