सकारात्मक बदला लेकर हम जहान को बदल सकतेः ब्रह्मकुमारी विमला

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देहरादून। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र सुभाषनगर के सभागार में सत्संग में रूड़की से पधारी राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी विमला बहन ने ”कैसे लें बदला”, इस विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि शिव बाबा कहते हैं कि सृष्टि-चक्र एक नाटक है, सभी मनुष्यात्माएं पार्टधारी हैं, किसी का भी कोई प्रकार से दोष नहीं है।  हम बदला शब्द का यदि सकारात्मक विधि से प्रयोग करें तो यह कल्याणकारी सिद्ध होता है, जैसे समय आने पर उचित मदद करके हम अपने सहयोगी के अहसान का बदला चुकाते है। सौगात लेकर घर आये मेहमान को सुन्दर सी चीज़ बदले में अवश्य देते हैं आदि-आदि।

गिरीश गैरोला

आज की दुनिया में बदला लेने की बीमारी भयानक रूप ले चुकी है। इस बीमारी ने सुख और चैन छीन लिया है। किसी ने बहुत सुन्दर कहा है ‘किसी से बदला लेना है तो उससे अधिक योग्य और महान बनकर दिखाओ‘। क्राइस्ट का कथन था कि कोई तुम्हें एक गाल पर थप्पड़ मारे तो तुम दूसरा गाल उसके आगे कर दो लेकिन परमपिता परमात्मा ने हमें राजयोग द्वारा कर्मों की गहन गति समझाई है कि दूसरा गाल आगे करने से तो हम उसके विकर्मों को और बढ़ावा दे रहे हैं अर्थात उसके पाप का खाता बढ़वा रहे हैं। अतः दुख देने वाले के प्रति यही सोचो कि पूर्व जन्म का हिसाब-किताब समाप्त हो रहा है। हम कोई सुन्दर सा वरदान या शुभभावना की सौगात मन ही मन उसे दे दें क्योंकि गुप्त दान का तो बहुत महत्व है। कोई अपमानित करे तो बदला लेने के बजाए, उससे सम्मान लें जो सारी दुनिया को सम्मान दे रहा है, उससे प्राप्ति करें जो सारी दुनिया को प्राप्तियाँ करा रहा है। इस प्रकार का सकारात्मक बदला लेकर हम जहान को बदल सकते हैं। कार्यक्रम में मनजीत, माला, प्रीति, कमला, सुशीला, वीरेन्द्र, मोहित, अशोक, संतोष, किरण तथा अन्य मौजूद रहे। 

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