देवभूमि उत्तराखंड के लाल कुआ की हवा और पानी मे जहर घोल रही सेंचुरी मिल के प्रदूषण पर देश के कोई भी कानून लगाम नही लगा सके तो महिलाओं ने राखी के त्योहार पर अपनी आने वाली पीढ़ी की दुहाई देते हुए मिल प्रबंधन से रक्षा बंधन पर प्रदूषण नियंत्रण का अनुरोध किया । राखी लिए घंटो गेट के बाहर इंतजार करने के बाद भी जब मिल के अधिकारी बाहर नही आये तो गुस्साई महिलाओं ने मिल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गेट पर ही राखी बांध ली।
शैलेन्द्र कुमार लाल कुंआ
लालकुआ में सेंचुरी पेपर मिल के प्रदूषण के खिलाफ क्षेत्र के ग्रामीण महिलाओं ने अनोखा प्रदर्शन किया। रक्षाबंधन से पूर्व क्षेत्र की सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं ने हाथों में राखी लिए सेंचुरी पेपर मिल के गेट पर प्रदर्शन किया । महिलाये सेंचुरी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेपी नारायण को रक्षा सूत्र बात कर क्षेत्र से जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण से निजात दिलाने की मांग करने गई थी । लेकिन हाथों में राखी लिए घंटों इंतजार करने के बाद भी जब मिल के अधिकारी बाहर नहीं आए तो आक्रोशित महिलाओं ने मिल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और मिल के गेट पर ही रक्षा सूत्र को बांध कर वापस चली गई।

महिलाओं का कहना था कि सेंचुरी के आमंत्रण पर ही वह मिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को रक्षा सूत्र बांधने आई थी जिसके बदले वह मांग कर रही थी कि उनके क्षेत्र में सेंचुरी मिल के कारण हो रहे जल और वायु प्रदूषण से उनकी आने वाली पीढ़ी को कम से कम निजर तो मिल जाय, लेकिन मिल के अधिकारी अपनी कुर्सी पर जमे रहे और बाहर नहीं आए। नाराज महिलाओं ने सेंचुरी मिल के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया और लोहे के खंभे को भाई बनाकर राखी बांध आयी।

राजीव नगर बिंदु खत्ता से आई महिला ने बताया कि सेंचुरी मिल के जेपी नारायण ने महिलाओं का नही राखी के पवित्र वंधन का अपमान किया है। बहिन गेट पर इंतजार करती रही लेकिन भाई अपनी कुर्सी से जरा भी टस से मस नही हुये। राखी की दक्षिणा के रूप में बहिने सेंचुरी मिल से होने वाले जल और वायु प्रदूषण से निजात दिलाने की मांग करने आई थी।

मिल से निकल रहे गंदे जल के सेवन से अपनी जान गंवा चुकी 12 वी की छात्रा कामनी देवराड़ी की माँ ने कहा कि उनकी बेटी की जान सेंचुरी के प्रदूषण से हुई है। सुशीला तिवारी अस्पताल के dr अशोक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि 15 जुलाई से तीन दिन तक उनकी बेटी अस्पताल में सेंचुरी के जहर से जीवन और मौत से जूझती हुई इस दुनिया से चली गयी । उनकी बेटी अब लौट कर नही आएगी किन्तु कोई और बेटी सेंचुरी से जहर से असमय काल की ग्रास न बन जाय इसलिए महिलाएं रक्षा वंधन के पवित्र मौके पर मिल प्रबंधन से रक्षा वंधन करने आई थी पर दुख है कि उन्होंने राखी की लाज नही रखी।

महिलाओं ने कहा कि वे मिल को बंद करवाने नही आई है, वे भी अच्छी तरह जानती है कि मिल से कई लोगो को रोजगार मिल रहा है वे टी बस इतना चाहती थी कि नाले को अंडर ग्राउंड कर प्रदूषण को कम किया जाय ताकि उनकी आने वाली पीढ़ी बुरी मौत न मार सके।
