बेरोजगारी का सूबे में क्या हाल है इस बात का अंदाजा पौडी में हो रही होम गॉर्ड भर्ती रैली से लगाया जा सकता है।
जहाँ हज़ारो की संख्या में उच्च शिक्षा प्राप्त बरोजगार होम
गार्ड भर्ती के लिए कतार में छाती फुलाते हुए खड़े दिखाई दिए। बेरोजगारों की इस फेहरिस्त में डिप्लोमा, डिग्री और मास्टर्स सभी सामिल है, परिवार चलाने के लिए पेट की आग शांत करना प्राथमिकता बन गयी है जबकि इनका हुनर कुछ और ही कहता है, बेरोजगारों की इस भीड़ में जो कोई कीड़े मकौड़े जैसी जिंदगी में संघर्ष कर अपने को साबित करेगा वही बनेगा सिकंदर, और फिर खबर की हेडिंग बनेगी आईएएस का गार्ड बना आईएएस अथवा होमगार्ड की सीटी बजाता राष्ट्रीय धावक। पौड़ी में इन दिनों होमगार्ड के 191 पदों लिए भर्ती चल रही है।
शारीरिक दक्षता प्राप्त होने के बाद 3 सितंबर को लिखित परीक्षा ली जानी है।
भगवान सिंह पौड़ी।
देश मे हुनर की कही कमी नही है किंतु उनकी योग्यता के अनुरूप कार्य का आबंटन नही होने से व्यक्ति तनाव और अवसाद में जीवन बर्बाद कर रहा है। बढ़ती जनसंख्या और बेरोजगारी ने पेट की भूख को प्राथमिक बना दिया है जबकि हॉबी को दरकिनार करने की मजबूरी हो गयी है। एक युवक जो स्पोर्ट्स में देश का नाम रोशन कर सकता है उसे अन्य कार्य मे लगना पड़ता है,
होमगार्ड में भर्ती होने के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त बेरोजगारों की बड़ी तादाद में भीड़ उमड़ रही है।होमगार्ड भर्ती के लिए आये बौंसाल निवासी युवक शेरू जोशी ने बताया कि पिछले डीएम सुशील कुमार द्वारा सतपुली से 42 किमी की दौड़ में प्रथम आने के बाद उन्हें सम्मानित किया गया था साथ ही उन्हें स्पोर्ट्स एक्टिविटी में डालने के लिए भरसक मदद का भरोसा दिया गया था,किन्तु उनके जाने के बाद मामला ठंडा पड़ गया।
होम गार्ड के पद के लिए क्या डिग्री ,क्या डिप्लोमा सभी अपनी किस्मत आजमाने के लिए कतार में खड़े है।
3 सितंबर को लिखित परीक्षा होनी है उससे पूर्व सभी लोगो को शारीरिक मापदंड पूर्ण करने है।
प्रशासन द्वारा भी परीक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।