देहरादून। देहरादून जनपद में कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत प्राप्त हुई रिपोर्ट में 130 व्यक्तियों की रिपोर्ट पाॅजिटिव प्राप्त होने के फलस्वरूप जनपद में आतिथि तक कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 18285 हो गयी है, जिनमें कुल 16628 व्यक्ति उपचार के उपरान्त स्वस्थ हो गये हैं। वर्तमान में जनपद में 864 व्यक्ति उपचाररत हैं। इसके अतिरिक्त जनपद में आज जांच हेतु कुल 2163 सैम्पल भेजे गये। कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत बचाव एवं रोकथाम हेतु जनपद अन्तर्गत विभिन्न चिकित्सालयों में वर्तमान में 192 आईसीयू बैड रिक्त हैं। जनपद में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का उपयोग न करने पर 131 व्यक्तियों के चालान किये गये।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम जनपद देहरादून एवं राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान हरिद्वार की टीम द्वारा गब्बर सिंह बस्ती निकट काठ बंगला राजपुर देहरादून क्षेत्र में लगभग 80 घरों का भ्रमण, सर्वे किया गया। इस दौरान किसी भी घर में मच्छर का लार्वा नहीं पाया गया विगत वर्ष 10 नवंबर 2019 तक जनपद देहरादून में 4924 डेंगू एलाइजा धनात्मक रोगी पाए गए थे। जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुपालन में जनपद अन्तर्गत चलाए गए डेंगू-मलेरिया उन्मूलन अभियान एवं जागरूकता कार्यक्रम के फलस्वरूप जनपद इस वर्ष कोई भी डेंगू एलाइजा धनात्मक रोगी नहीं पाया गया है। कार्यकर्ताओं द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में लगातार निगरानी रखी जा रही है मच्छर का लार्वा पाए जाने पर उसे मौके पर ही नष्ट किया जा रहा है। विगत माह राजकीय पशु चिकित्सालय राजपुर देहरादून के पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा गब्बर सिंह बस्ती के कुछ सूअरों के सैंपल जापानी इंसेफलाइटिस की जांच हेतु लिए गए थे उनमें से तीन सूअरों में जापानी इंसेफलाइटिस के लक्षण पाए गए थे, इसकी जानकारी प्राप्त होते ही अविलंब 2 नवंबर 2020 को जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम देहरादून की टीम द्वारा क्षेत्र का सर्वे किया गया जहां पर किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार का बुखार नहीं था और किसी भी घर में मच्छर का लार्वा नहीं पाया गया। राजकीय पशु चिकित्सालय राजपुर देहरादून के पशु चिकित्सक को पुनः क्षेत्र के सूअरों के सैंपल जापानी इंसेफेलाइटिस की जांच हेतु लेने के निर्देश दिए गए इस संबंध में आज पुनः क्षेत्र का सर्वे किया गया तथा राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान हरिद्वार की टीम द्वारा बस्ती के निकट बह रही रिस्पना नदी के किनारे रुके हुए पानी के सैंपल मच्छर के लार्वा की जांच हेतु लिए गए, जिसकी जांच राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान की टीम द्वारा अपनी लैब में की जाएगी।