माघ मेले के पांचवे दिन उत्तरकाशी पहुंचे पूर्व पिसीसी चीफ किशोर उपाध्याय ने वन अधिकार को लेकर 2022के विधान सभा चुनावों सुगबुगाहट छेड़ दी है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी प्रदेश में लकड़ी, बजरी मिट्टी पर हमारा हक हकुक वन और खनन माफियाओं ने छीन लिया है,इस लड़ाई के लिए सभी 70 विधानसभा में टीम तैयार की जा रही है।
गिरीश गैरोला
हिमाचल प्रदेश ने यमुना का जल 15करोड़ में बेच दिया जो यमुना उत्तरकाशी उत्तराखंड से निकलती है, इसके लिए प्रदेश के सभी विधायक देवोंों को
जगाने के लिए उन्हें विधान सभा सत्र के दौरान घडियाला लगाना होगा। उन्होंने कहा कि एक लीटर पानी बचाने के लिए 30पैसा भी बोनस के रूप में मिले तो प्रदेश की आर्थिक स्थिति बदल सकती है।
वन अधिकार कानून किशोर का या कांग्रेस पार्टी का उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में मनमोहन सरकार ने इस कानून को बनाया था, पीसीसी की बैठक में यह प्रस्ताव भी पारित हुआ था प्रीतम सिंह प्रदेश अध्यक्ष इसका बेहतर जवाब दे सकते है।
उन्होंंने
कहा की पहाड़ में रहने वाले सभी लोग गिरिजन हैं जिन्हें समान रूप से केंद्र और राज्य सरकार की सेवाओं में सुविधाएं और आरक्षण मिलना चाहिए।
कुछ भी ठीक न लगने पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ भी खड़े होने वाले किशोर उपाध्याय अपनी इस आदत के चलते राजनीतिक रूप से काफी नुकसान उठा चुके हैं अब देखना होगा कि उनकी इस आदत में अब सुधार होता है या इसमेंं एक नया क्रांतिकारी परिवर्ततन आता है।