स्वदेश दर्शन एवं प्रसाद योजना में 300 करोड़ की 5 परियोजनाएं मंजूर

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देहरादून। उत्तराखंड में पीएमजीएसवाई के अंतर्गत सड़क उन्नयन का तीन चौथाई कार्य पूरा हो चुका है। वहीं पर्यटन की स्वदेश दर्शन एवं प्रसाद योजना में लगभग 300 करोड़ की 5 परियोजनाएं मंजूर की गई हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट द्वारा सदन में विभिन्न विषयों को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में यह जानकारी सामने आई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय से उत्तराखंड में पीएमजीएसवाई के तहत सड़क उन्नयन परियोजनाएं को मांगी जानकारी के ज़बाब में केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान ने बताया कि 1 दिसंबर तक राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के विभिन्न घटकों के अंतर्गत 2701.64 करोड़ रु. की परियोजना लागत के कुल 447 सड़क उन्नयन कार्य (4043.40 किमी) स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से 1918.94 करोड़ रु. के व्यय (राज्य अंश सहित) के साथ 313 सड़क उन्नयन कार्य (3212.84 किमी) पूरे किए जा चुके हैं।
वहीं उत्तराखंड में पर्यटन विकास को लेकर उन्होंने स्वदेश दर्शन योजना और प्रसाद योजना के अंतर्गत स्वीकृत परियोजना की जानकारी मांगी गई है। जिसके ज़बाब में पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि ’तीर्थस्थल कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान (प्रशाद)’ और स्वदेश दर्शन की अपनी जारी योजनाओं के माध्यम से उत्तराखंड सहित देश में पर्यटन संबंधी अवसंरचना के विकास के लिए राज्य सरकारों/संघ राज्यक्षेत्र प्रशासनों को वित्तीय सहायता प्रदान करके उनके प्रयासों को संपूरित करता है। जिसमें प्रशाद योजना के तहत, मंत्रालय ने चिह्नित तीर्थस्थलों पर पर्यटकों के आध्यात्मिक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए उत्तराखंड में 145.28 करोड़ रुपये की कुल स्वीकृत लागत से तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इसी तरह स्वदेश दर्शन योजना के तहत, पर्यटन मंत्रालय ने उत्तराखंड में विभिन्न विषयों, अर्थात इको-परिपथ और विरासत परिपथ के तहत 145.49 करोड़ रुपये की कुल स्वीकृत लागत की दो परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इसी तरह एक सवाल का ज़बाब देते हुए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन केंद्रीय राज्य मंत्री कीर्तवर्धन सिंह कहा, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्रदूषण संबंधी चिंताओं का समाधान करने के लिए जनवरी 2019 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) की शुरुआत की है जिनमें उत्तराखंड राज्य के देहरादून, ऋषिकेश और काशीपुर शहर भी शामिल हैं। देशभर के 130 लक्ष्य प्राप्त न करने वाले शहरों तथा मिलियन प्लस शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए किया गया है। इसके अलावा, उत्तराखंड राज्य में गंगा नदी बेसिन की समग्र स्थिति में सुधार हेतु जल गुणवत्ता की निगरानी के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) शुरू किया गया है। वहीं भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि यह केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जो 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग के लिए एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जिसमें 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर न्यूनतम मासिक सुनिश्चित पेंशन 3000/रुपये की न्यूनतम मासिक सुनिश्चित पेंशन का प्रावधान है, जो बहिष्करण मानदंडों के अधीन है। इस योजना का उ‌द्देश्य छोटे और सीमांत किसानों के लिए उनकी वृद्धावस्था के दौरान एक सामाजिक सुरक्षा नेट बनाना है। योजना में किसानों की प्रवेश आयु के आधार पर मासिक अंशदान की राशि 55 रुपये से 200 रुपये प्रति माह के बीच है। भारत सरकार भी किसानों के पेंशन खाते में बराबर का अंशदान प्रदान करती है। 25 नवंबर तक इसमें उत्तराखंड से कुल 2,168 किसानों को नामांकित किया गया है।

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