गंगोत्री यात्रा मार्ग पर ऊत्तरकाशी नगर के प्रवेश द्वार पर वरुणावत पहाड़ी से गिरते पत्थरो से बचाव के लिये बनाई गई तमाखानी सुरंग के अंदर दो पहिया और चार पहिया वाहन तो खूब फर्राटे मार कर दौड रहे है किंतु पैदल चलने वालों के लिए ये सुरंग अभी भी मुसीबत बनी हुई है।
करोड़ो की लगत से बनी इस सुरंग में पैदल चलने वालो के लिए दोनों तरफ फुट पाथ तो बनाये गए हैं किंतु इसमें से एक व्यक्ति भी ठीक से खड़े होकर नही गुजर सकता है। ज्ञानसू से बाजार की तरफ आने पर बाई तरफ के फुट पाथ पर अभी भी बिन वर्षा के पानी भरा हुआ है। लिहाजा ज्ञानसु से बाजार आने वाले पैदल यात्री भी बाए की बजाय अपनी दाई तरफ के फुट पाथ का उपयोग करते है ऐसे में इस संकरे फुट पाथ पर दोनों तरफ के लोगो को आड़े तिरछे होकर निकलने की मजबूरी है दूसरा विकल्प सुरंग के बाहर से निकलने का है , जहाँ वरुणावत पहाड़ी से पत्थर गिरने से चोटिल होने का खतरा बराबर बना रहता है।
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बत्ती गुल होने पर सुरंग में घुप्प अंधेरा हो जाता है ऐसे में महिलाओं औऱ बच्चों को खासी दिक्कत होती है।
अपने निर्माण के समय से ही विवादों में घिरी तमाखानी सुरंग का आजतक भी पालिका ने हैंड ओवर नही लिया है ।लिहाजा कोई भी अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नही है।
7.5 करोड़ की सुरंग पर 12 करोड़ का प्लास्टर करने के बाद भी पानी का लीकेज बंद नही हुआ। घटिया निर्माण की जांच भी बैठी किन्तु कभी अंजाम तक नही पहुच सकी। लिहाजा दो करोड़ रु ठेकेदार के रोक दिए गए इस बीच जांच बैठाने वालो पर ही आंच आने लगी तो सबके मुंह बंद हो गए। सुरंग के अंदर इसके बाद भी निरंतर कार्य हो रहा है किंतु आकतक भी ये किसी विभाग को हैंडओवर नही ही सकी।
सुरक्षा के लिहाज से सुरँग के बाहर से पैदल आने जाने की।मनाही है किंतु इस इलाके में धड़ल्ले से वाहन पार्किंग की जा रही है अथवा कबाड़ी के स्टोर के रूप में स्थान का सद्पयोग हो रहा है।