देहरादून। हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर जनता को गुमराह किया जा रहा है। कहा कि भारत के लिए देश और दुनिया का नजरिया बदल रहा है। आगे भी देश को मोदी जैसे ही प्रतिनिधत्व की जरूरत है। अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने काफी जटील समस्याओं का समाधान किया है। चाहे राम जन्मभूमि हो, तीन तलाक हो, धारा 370, 35 ए का मामला हो, लेकिन आज एक जरूरी बिल पर देश की जनता को गुमराह किया जा रहा है।
गिरीश गैरोला
देश को आजादी चाहिए थी, उसके लिए सभी ने प्रयास किए। आजादी के बाद जो लोग जहां रहना चाहते थे, वहां रहने लगे। विभाजन की जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी की रही है। तब नेहरू और लियाकत अली के बीच समझौता हुआ देहरादून में राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जयराम ठाकुर ने कहा कि एक जरूरी बिल पर देश की जनता को गुमराह किया जा रहा है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि आजादी के 70 साल में पहली बार देश को एक मजबूत सरकार मिली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में तीन तलाक एवं धारा 370 बहुत से महत्वपूर्ण फैसले लिए गए है। आज सीएए और एनआरसी जैसे कदमों की देश को बहुत आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि सीएए को जानना व समझना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता से पहले देश की आजादी के लिए लोगों ने आपस में मिल कर स्वतंत्रता हेतु अपनी-अपनी लड़ाई लड़ी और फलस्वरूप देश आजाद हुआ। देश में 200 वर्षों तक अंग्रेजों ने शासन किया, उन्होंने यहां ऐसी परिस्थितियां पैदा की कि देश आपसी झगड़ों के कारण बंट जाए और उनका शासन चलता रहे। इस वजह से अंग्रेजो ने फूट डालो शासन करो की नीति अपनाई। स्वतंत्रता के पश्चात धर्म के आधार पर पाकिस्तान अलग देश बना।
भारत अपनी धर्म निरपेक्ष पहचान के रूप में आगे बढ़ा। उन्होंने कहा कि देश के बंटवारे में कांग्रेस का हाथ था। पं. नेहरू और लियाकत अली के बीच हुए समझौते से यह बात पूर्णत स्पष्ट होती है कि जिसके अनुसार अपने-अपने धर्म को अपनाने कि पूर्ण छूट मिली। हमारा देश इसमें अपनी धर्म निरपेक्ष नीति पर पूर्ण रूप से सफल रहा और आज भी इस समझोते पर चल रहा है। परन्तु पाकिस्तान अपने समझौते के अनुसार चलने में विफल रहा। पाकिस्तान में 1947 में अल्पसंख्यकों का प्रतिशत 23 था आज वह घट कर 3.7 प्रतिशत हो गया, इसका मतलब वहां बड़े स्तर पर धर्म परिवर्तन किया गया और उन्हें प्रताड़ित किया गया साथ ही देश छोड़ने को मजबूर किया गया। इसलिए केन्द्र सरकार द्वारा सीएए एक्ट लाना बहुत जरूरी था, अल्पसंख्यक के हितों की रक्षा के लिए ये अधिनियम लाया गया है। गांधी जी ने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू और सिख भारत में आ सकते हैं, इनके लिए व्यवस्था बनाना भारत सरकार का पहला कत्र्तव्य है।
परन्तु कांग्रेसी गांधी जी के नाम पर राजनीति तो करते हैं पर गांधी जी के शब्दों की रेलेवेंट समझते तो सीएए का समर्थन जरूर करते। 1947 में कांग्रेस ने प्रस्ताव रखा कि जो व्यक्ति पाकिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित किया जा रहा उसे भारत में रहने का अधिकार दिया जाए, और आज कांग्रेस अपने ही प्रस्ताव का विरोध कर रही है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सीएए लागू होने से किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी, एक्ट में केवल इतना परिवर्तन हुआ है कि इसमें पहले नागरिकता अर्हता 11 वर्ष थी, जिसे अब 5 वर्ष किया गया है। मुख्यमंत्री श्री ठाकुर ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश मुस्लिम देश हैं। इन देशो ंमें धर्म के आधार पर अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार जारी है। ऐसे अल्पसंख्यक जो अपने धर्म में रह कर जीवन यापन कर रहे हैं, उन्हें प्रताड़ित किया गया है। उनके व्यवसायों को बर्बाद कर, उनके साथ गलत बर्ताव किया जा रहा है। ऐसी परिस्थितियों में वे लोग जो भारत की शरण में आए हैं और भारत के प्रति आस्था रखते हैं और उन्हें अभी तक नागरिकता नहीं मिली, मानवता के लिए उनको अधिकार देने के लिए ये अधिनियम लाया गया है। उन्होंने कहा कि ननकाना साहिब में ऐसी परिस्थितियां पैदा हुई हैं कि अल्पसंख्यक परेशान हो रहे हैं। और ऐसी घटनाएं कई बार घटित हुई हैं। जो सीएए का विरोध कर रहे हैं, उनका मकसद सिर्फ राजनीतिक है। वह दिखाना चाहते हैं कि देश में बहुत गलत हुआ है। परन्तु इस अधिनियम को पूरे देश में बड़ा समर्थन मिल रहा है। कांग्रेसी कह रह हैं कि समानता का उल्लंघन हो रहा है। परन्तु मैं इसे ऐसे डिफाइन करता हूं कि पड़ोसी मुस्लिम देशों से प्रताड़ित हिन्दूओं को भी समानता का अधिकार मिलना चाहिए। बीजेपी इस एक्ट का विरोध करने वालों का पुरजोर विरोध करती है। उन्होंने कहा कि इससे किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी। यह बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। पत्रकार वार्ता में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद अजय भट्ट आदि भाजपा नेता उपस्थित रहे।
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