“एक देश, एक चुनाव से मजबूत होगा लोकतंत्र – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी”
📍 मसूरी, 21 मई 2025
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मसूरी रोड स्थित एक होटल में आयोजित “एक देश, एक चुनाव” विषयक संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में भाग लेते हुए इस विचार को लोकतंत्र को अधिक सशक्त, प्रभावी और समावेशी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया।
मुख्यमंत्री ने बैठक में समिति के अध्यक्ष श्री पी. पी. चौधरी सहित सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में बार-बार होने वाले चुनावों से प्रशासनिक व्यवस्था पर भारी असर पड़ता है।

🔹 मुख्य बिंदु: बार-बार लगने वाली आचार संहिता से रुक जाता है विकास
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में उत्तराखंड में हुए विधानसभा, लोकसभा और निकाय चुनावों की वजह से 175 दिन तक प्रशासनिक निर्णयों की प्रक्रिया ठप रही। यह अवधि एक सीमित संसाधनों वाले राज्य के लिए बेहद मूल्यवान होती है।
🔹 एक साथ चुनाव से 30–35% खर्च में हो सकती है बचत
श्री धामी ने कहा कि यदि विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं, तो राज्य और केंद्र पर खर्च का बोझ आधा हो जाएगा, जिससे बचाए गए धन का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, जल प्रबंधन और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है।
🔹 भूगोलिक चुनौतियों में कारगर हो सकता है साझा चुनाव मॉडल
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में मतदान केंद्रों तक पहुंचना कठिन होता है। लगातार चुनाव होने से लोगों में मतदान के प्रति रुचि कम होती है और प्रतिशत घटता है। “एक देश, एक चुनाव” मॉडल से न केवल संसाधनों की बचत होगी बल्कि जनभागीदारी भी बढ़ेगी।
🔹 पर्यटन और परीक्षाओं के समय टालना चाहिए चुनावी कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि उत्तराखंड में जून से सितंबर तक चारधाम यात्रा और बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए उस समय कोई चुनावी कार्यक्रम ना रखा जाए। साथ ही जनवरी से मार्च की अवधि भी बोर्ड परीक्षाओं के कारण चुनाव के लिए उपयुक्त नहीं है।
🗣️ मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश:
“एक देश, एक चुनाव केवल एक राजनीतिक विचार नहीं बल्कि राष्ट्रहित में एक व्यवस्थागत सुधार है, जो देश की लोकतांत्रिक मजबूती और विकास की गति को नई दिशा देगा।”
