नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल जिले के बुधलाकोट ग्राम सभा में क्षेत्र से बाहरी लोगों का नाम पंचायत चुनाव की वोटर लिस्ट में शामिल के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक महरा की खण्डपीठ ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने राज्य चुनाव आयोग से वोटर लिस्ट में शामिल करने के मापदंडों को लेकर सवाल किया। साथ ही इनके रिकॉर्ड को कोर्ट में पेश करने को कहा है।
आयोग के अधिवक्ता ने न्यायलय को बताया कि वोटर लिस्ट बनाते वक्त मापदंडों का पूरा सहयोग लिया गया। जिन वोटरों के नामों पर आपत्तियां दर्ज की गई थी। उनकी जांच केमटी ने की है। जिसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा जो लोग यहां के निवासी नहीं हैं उनके द्वारा उस पर आपत्ति दर्ज की गई है। उनके नाम ग्राम सभा के परिवार रजिस्टर्ड में दर्ज नहीं हैं। जिनके हैं उसमें भी कई तरह की अनियमितताएं हैं। जिस पर कोर्ट ने वोटरों का वेरिफिकेशन रिकॉर्ड पेश करने को कहा है। अभी तक पंचायत चुनाव को चुनौती देने सम्बन्धी 25 से अधिक याचिकाएं अलग अलग मुद्दों को लेकर दायर हो चुकी हैं। मामले के अनुसार बुधलाकोट निवासी आकाश बोरा ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके गांव की वोटर लिस्ट में 82 बाहरी लोगों के नाम शामिल किये गये हैं। जिनमें अधिकतर ओडिशा व अन्य जगह के हैं। जब इसकी शिकायत एसडीएम से की गई तो उन्होंने इसमें एक जांच कमेटी गठित की गई। जांच कमेटी ने वोटर लिस्ट का अवलोकन कर के पाया कि इसमें से 18 लोग बाहरी हैं।
अंतिम लिस्ट जारी होने के बाद भी चिन्हित 18 लोगों के नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटाये गए। जनहित याचिका दायर करने के बाद उन्होंने ऐसे ही 30 अन्य की लिस्ट भी कोर्ट में पेश की. शिकायत करने के बाद भी जिस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। सुनवाई के बाद आयोग की तरफ से कहा गया कि कुछ लोगों को चिन्हित किया गया है। वोटर लिस्ट बनाते वक्त बीएलओ ने घर घर जाकर वोटरों को चिन्हित किया. उसी के आधार पर वोटर लिस्ट बनाई।
