देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को एसजीआरआर पीजी कॉलेज, पथरीबाग देहरादून में कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग द्वारा आयोजित वृहद रोजगार मेले का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस रोजगार मेले में लगभग 70 कम्पनियों द्वारा 4500 युवाओं को रोजगार दिया जायेगा। उन्होंने सरकार के अनुरोध पर युवाओं को सेवायोजित करने के लिए बड़ी संख्या में प्रतिभाग करने पर कम्पनियों का आभार व्यक्त किया।
गिरीश गैरोला
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड के युवा परिश्रमी एवं ईमानदार हैं। युवाओं के कौशल विकास पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी उद्देश्य से राज्य, जनपद एवं तहसील स्तर पर रोजगार मेले आयोजित किये जा रहे हैं। इन रोजगार मेलों में कम्पनियों द्वारा युवाओं का साक्षात्कार कर उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी दी जा रही है। यह वर्ष रोजगार वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
राज्य सरकार सरकारी सेवाओं एवं अन्य माध्यमों से युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के संसाधन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। सरकारी सेवाओं में भी विभिन्न पदो ंके लिए विभागों द्वारा लोक सेवा आयोग एवं अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को अधियाचन भेजे गये हैं। इन पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जायेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का स्किल इंडिया का जो सपना है, उस दिशा में हमें तेजी से आगे बढ़ना होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उत्तराखण्ड में अनेक प्रशिक्षण संस्थान खोले गये हैं। डोईवाला में सीपेट शुरू किया गया है। इस संस्थान में अभी सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किये गये हैं। इस संस्थान से कोर्स करने के बाद युवाओं को रोजगार भी मिले हैं। अभी सीपेट का विस्तार किया जा रहा है। इस संस्थान में डिप्लोमा एवं डिग्री कोर्स शुरू होने के बाद रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए अभी तक 82 ग्रोथ सेंटर की स्वीकृति दी जा चुकी है।
वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली योजना के तहत प्रदेश के युवाओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर बसें दी जा रही हैं। इन बसों का अनुबंध रोडबेज से किया गया है।कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जहां कौशल विकास, सेवायोजन एवं प्रशिक्षण के लिए एक विभाग एवं मंत्रालय बनाया गया है। उत्तराखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां कौशल विकास से संबिधत कार्यों के लिए जिला एवं तहसील स्तर पर कोर्डिनेशन करने की जिम्मेदारी दी गई है। युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पर रोजगार मिल सके इसके लिए जिला एवं तहसील स्तर पर भी रोजगार मेले आयोजित किये जा रहे हैं। कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि कम्पनियों द्वारा जिन युवाओं को साक्षात्कार के माध्यम से रोजगार दिया जा रहा है। जिन शर्तो पर रोजगार दिया जा रहा है, उनके पूर्णतः अनुपालन के लिए मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखण्ड का नौजवान हर क्षेत्र में अच्छी परफोर्मेंस दे रहा है। हमारे युवा हर क्षेत्र में दक्ष हैं, उनकी प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक विनोद चमोली, इंडस्ट्री ऐसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता, अनिल गोयल, सचिव कौशल विकास एवं सेवायोजन डॉ. रणजीत सिन्हा, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, निदेशक कौशल विकास एवं सेवायोजन जीवन सिंह नगन्याल, प्राचार्य एसजीआरआर पीजी कॉलेज प्रो. वी.ए. बौड़ाई आदि उपस्थित रहे।