योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में उत्तराखण्ड ने अपनी विशिष्ट पहचान बनायीः सीएम ।
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर प्रदेश वासियों को बधाई व शुभकामनाएँ दी हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, संविधान निर्माताओं एवं राज्य आन्दोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिये रखी गई विकास की ठोस नींव पर हम ‘‘सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास‘‘ के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ट्रेड, टैक्नोलॉजी और टूरिज्म के मूल मंत्र को आत्मसात कर ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ आदर्श उत्तराखण्ड के निर्माण की दिशा में अग्रसर हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर भी विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में उत्तराखण्ड ने अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है, इसके लिए राज्य को कई क्षेत्रों में पुरस्कृत भी किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हित से जुड़ी योजनायें आम आदमी पर केन्द्रित हों इसके निर्देश प्रशासनिक अधिकारियों को दिये गये हैं। आम नागरिक की गरिमा व सम्मान के दृष्टिगत प्रशासनिक अधिकारियों को उनकी समस्याओं के त्वरित समाधान के भी स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं। उत्तराखण्ड निर्माण के मूल में रही जन भावनाओं को साकार करने के लिए प्रदेश के सीमान्त क्षेत्रों के विकास के साथ ही समाज के अन्तिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के जीवन में सुधार लाने तथा पलायन रोकने की दिशा में कारगर प्रयास किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनता को बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ सुविधा मिले, दुर्गम क्षेत्रो तक आम जन जीवन में खुशहाली आये इसके लिये क्षेत्र विशेष की आवश्यकता के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित करते हुए योजनाओं के निर्माण पर ध्यान दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिये न्याय पंचायत स्तर पर ग्रोथ सेन्टरां की स्थापना की जा रही है। उद्यमिता को बढ़ावा देकर युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो, इसके लिये उद्योगों के अनुकूल नीतियां तैयार कर उनका प्रभावी अनुश्रवण किया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के समग्र विकास के लिये स्कूल, कॉलेज तथा विश्वविद्यालयों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किये जा रहे हैं। उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, उद्योग व पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने, गंगा की निर्मलता, जल संरक्षण, वृक्षारोपण व स्वच्छता के लिए संकल्प लेने का भी उन्होंने आह्वान किया है। प्रदेश के सभी गाँवों को सडक से जोड़ने का हमारा लक्ष्य है, इसके लिए 250 की आबादी वाले जो गाँव पीएमजीएसवाई के मानकों के अंतर्गत इससे आच्छादित होने से रह जायेंगे, ऐसे गांवों को सडक से जोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा राज्य योजना से धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड छोटा पर्वतीय राज्य होने के बावजूद भी हम न केवल देश की इकोलोजी बल्कि देश की इकोनोमी में भी अहम् योगदान कर रहे हैं। मसूरी में सम्पन्न हिमालयन कॉन्क्लेव में 11 हिमालयी राज्यों द्वारा पर्यावरण व जैव विविधता के संरक्षण के साथ देश की समृद्धि में योगदान के लिए ‘मसूरी संकल्प’ पारित किया गया। पिछले वर्षों में हमारी विकास दर देश की विकास दर से अधिक रही है। हमारी प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2018-19 में 1,98,738 रूपए है जो कि देश की औसत प्रति व्यक्ति आय से 72,332 रूपए अधिक है। उन्होंने कहा कि टिहरी में डोबरा-चांठी मोटर झुला पुल का काम मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। यह परियोजना पिछले 14 वर्षों से अटकी पड़ी थी। हमने इसके लिए एकमुश्त राशि जारी की और काम में तेजी लाए। राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए आपदा राहत, मेडिकल इमरजेंसी व हाई एंड टूरिज्म को देखते हुए यहां हेलीसेवाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं। अटल आयुष्मान योजना में राज्य के समस्त परिवारों को प्रतिवर्ष 5 लाख रूपए तक वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। आज हम घर-घर तक बिजली पहुंचा चुके हैं। हम केंद्र के सहयोग से हर घर जल के लक्ष्य को हासिल करने के लिए संकल्पबद्ध हैं। नदियों व जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने की पहल बड़े स्तर पर की गई है। हर जिले में एक वाटरशेड पर काम किया जा रहा है।