राज्य कैबिनेट की बैठक में आठ अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर

Share Now

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में आठ महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गयी। बैठक में महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) नियमावली में संशोधन और राज्य स्थापना दिवस पर विधानसभा सत्र से संबंधित कई अहम निर्णय लिए गए है। कैबिनेट ने महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग के तहत बड़ा फैसला लेते हुए मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों में तब्दील करने को मंजूरी दे दी गयी है। इसके साथ ही सुपरवाइजर नियमावली में संशोधन किया गया है। अब 50 प्रतिशत पद आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से ही भरे जाएंगे। इससे जमीनी स्तर पर कार्यरत महिलाओं को पदोन्नति के नए अवसर मिलेंगे।
राजधानी देहरादून के रायपुर क्षेत्र में बनने वाली नई विधानसभा भवन परियोजना के लिए फ्री जोन में छूट दी गई है। अब इस क्षेत्र में मकान और छोटी दुकानों के निर्माण की अनुमति भी दी जा सकेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्वास्थ्य पर्यवेक्षक नियमावली में संशोधन को मंजूरी दी गई है। अब कर्मचारियों को एक बार तबादले में छूट की व्यवस्था मिलेगी, जिससे स्थानांतरण प्रक्रिया अधिक लचीली हो जाएगी।
राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली ने पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास अधीनस्थ सुपरवाइजर सेवा नियमावली 2021 के संशोधन को कैबिनेट ने दी मंजूरी। सुपरवाइजर सेवा नियमावली के अंतर्गत सुपरवाइजर के पदों पर 50 प्रतिशत सीधी भर्ती से एवं 40 प्रतिशत आगनवाड़ी कार्यकर्त्री एवं शेष 10 प्रतिशत मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ती के पदोन्नति से भरे जाते थे। भारत सरकार के दिशा निर्देशों में राज्य के समस्त मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों में उच्चीकृत किया जाना है, ऐसे में  मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ती से सुपरवाइजर पद पर होने वाले पदोन्नति के 10 प्रतिशत कोटा को भी आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री के पदोन्नति कोटे में शामिल करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री के पदोन्नति कोटे को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया है। रायपुर एवं उसके समीप क्षेत्रों के अंतर्गत जहां विधानसभा परिसर प्रस्तावित है, उस क्षेत्र को फ्रिज जोन बनाया गया था। अब कैबिनेट ने फ्रिज जोन में आंशिक संशोधन करते हुए इन क्षेत्रों में छोटे घरों ( लो डेंसिटी हाउसों ) और छोटी दुकानों के निर्माण की अनुमति दे दी है। जिसके मानक आवास विकास विभाग के द्वारा निर्धारित किए जाएंगे।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक की सेवा नियमावली में संशोधन की कैबिनेट ने दी मंजूरी। अब स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के 5 साल की संतोषजनक सेवा के बाद एक स्थान से दूसरे स्थान तक अपने जीवनकाल में एक बार पारस्परिक स्थानांतरण को अनुमति दी जाएगी। नए स्थान में जाने पर अपने नए जनपद के कैडर के अंतर्गत यह सबसे जूनियर होंगे। इसके अलावा रिक्त पद उपलब्ध होने पर पहाड़ से पहाड़ में एवं मैदानी जनपदों से पर्वतीय जनपदों में स्थानांतरण किया जा सकेगा, जिसके लिए मानक विभाग द्वारा तैयार किए जाएंगे।
समान नागरिक संहिता के अंतर्गत होने वाले ऑनलाइन विवाह पंजीकरण में संशोधन को कैबिनेट ने दी मंजूरी। यूसीसी में पंजीकरण हेतु आधार कार्ड की व्यवस्था रखी गई है। क्योंकि उत्तराखंड प्रदेश में नेपाली भूटानी एवं तिब्बती मूल के लोगों से भी शादी होती है। ऐसे में आधार के अलावा अब नेपाल, भूटान के नागरिकों हेतु नेपाली एवं भूटानी नागरिकता प्रमाण पत्र, एवं 182 दिनों से अधिक के प्रवास के लिए भारत में नेपाली मिशन/रॉयल भूटानी मिशन द्वारा जारी प्रमाणपत्र एवं तिब्बती मूल के व्यक्तियों के लिए विदेशी पंजीकरण अधिकारी द्वारा जारी वैध पंजीकरण प्रमाण पत्र को अनुमन्य किया जाएगा। राज्य कर्मचारियों की पदोन्नति के संबंध में अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण की नियमावली में संशोधन का निर्णय।
मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में विचलन के माध्यम से विधानसभा का सत्रावसान किए जाने के संबंध में लिए गए निर्णय को कैबिनेट के संज्ञानार्थ लाया गया।
राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर उत्तराखंड राज्य की पंचम विधानसभा का विशेष सत्र की तिथि के निर्धारण हेतु कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को किया अधिकृत। राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को कर के बाद के लाभांश (प्रॉफिट आफ्टर टैक्स) की 15þ धनराशि को राज्य सरकार को देना होगा।  इसके लिए कैबिनेट में अपनी मंजूरी प्रदान की।

मार्च 2023 में 11 क्षेत्रों को फ्रीज जोन किया गया था घोषित
देहरादून। जिस राजधानी देहरादून में चौतरफा निर्माण की बाढ़ आ रखी है, वहां का एक बड़ा हिस्सा ढाई साल से अधिक समय से फ्रीज जोन का हिस्सा था। फ्रीज जोन में जमीनों की खरीद फरोख पर रोक थी और भवन निर्माण के नक्शे भी पास नहीं किए जा रहे थे। ऐसे में जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, इसका एक विपरीत असर यह भी पड़ रहा है कि फ्रीज जोन में अवैध निर्माण बढ़ गए। जिन पर सीलिंग और ध्वस्तीकरण की तलवार भी लटकी। दूसरी तरफ जमीनों की रजिस्ट्री न होने से सरकार को राजस्व का भी नुकसान होता रहा। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की कैबिनेट ने नागरिकों को बड़ी राहत देते हुए फ्रीज जोन से छूट प्रदान कर दी है। अब संबंधित क्षेत्रों में छोटे घरों और दुकानों के निर्माण की अनुमति दे दी गई है।
मार्च 2023 में राज्य कैबिनेट में लिए गए निर्णय के मुताबिक रायपुर से लेकर हरिद्वार रोड तक 11 क्षेत्रों को फ्रीज जोन घोषित कर दिया गया था। ताकि यहां विधानसभा, सचिवालय और विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यालयों का निर्माण किया जा सके। लेकिन, ढाई साल से अधिक समय से इस दिशा में कुछ नहीं किया जा सका। दूसरी तरफ अकारण लंबा प्रतिबंध झेलने से जनता को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। तमाम लोग रोक के बावजूद अवैध निर्माण करने को विवश हो गए। क्योंकि, वैध तरीके से निर्माण के लिए सभी रास्ते बंद थे। यह स्थिति दून के सुनियोजित निर्माण के लिए भी उचित नहीं मानी गई। जब रायपुर और इससे सटे क्षेत्रों को फ्रीज जोन घोषित किया गया था, तब सरकार ने संबंधित क्षेत्र का मास्टर प्लान बनाने के लिए 06 माह का समय दिया था। इस प्लान अब अभी तक कुछ भी प्रगति नहीं हो पाई है। फिलहाल अभी यह इंतजार और लंबा खिंच सकता है।
रायपुर क्षेत्र में विधानसभा, सचिवालय आदि के रूप में एडमिन सिटी विकसित करने के लिए राज्य संपत्ति विभाग ने वन भूमि का हस्तांतरण अपने नाम पर किया था। लेकिन, इसके बाद अधिकारी अपेक्षित तेजी नहीं दिखा पाए। जिसके चलते वन भूमि हस्तांतरण और इसी क्रम में अन्य औपचारिकताओं की पूर्ति की समय अवधि बीत गई। अब दोबारा से प्रकरण पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के स्तर पर लंबित है। रायपुर, नेहरूग्राम (आंशिक), चक तुनवाल मियांवाला, नथुवावाला, मियांवाला, हर्रावाला, बालावाला, हर्रावाला का दूसरा भाग (आंशिक), कुंआवाला, नकरौंदा, गूलरघाटी (आंशिक) प्रतिबंध लगाया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!