तीन किलो अफीम के साथ दो नशा तस्कर गिरफ्तार

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देहरादून। उत्तराखण्ड एसटीएफ ने दो नशा तस्करों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। जिनके पास से तीन किलो से अधिक अफीम बरामद की गयी है। दोनों आरोपी बरेली से उत्तराखण्ड में अफीम तस्करी के लिए लाए थे। आरोपियों में से एक नशा तस्कर ऐसा भी है जिस पर डकैती, गैंगस्टर सहित कई मुकदमें दर्ज है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत भुल्लर द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि एसटीएफ की कुमायूँ टीम द्वारा कल थाना किच्छा जनपद ऊधमसिंह नगर क्षेत्र से 2 शातिर नशा तस्करों को यूपी-उत्तराखण्ड बार्डर से 3 किलो अफीम के साथ गिरफ्तार किया गया। इस कार्यवाही में एसटीएफ द्वारा थाना किच्छा पुलिस को साथ लेकर गिरफ्तारी की गयी है। बताया कि पकड़े गये आरोपी सलीम पुत्र रहमत अली निवासी ग्राम बहीपुर थाना बहेड़ी, जनपद बरेली, उ.प्र. व शेर मोहम्मद पुत्र रफीक अहमद निवासी बहीपुर थाना बहेड़ी जनपद बरेली, उत्तर प्रदेश बड़े अन्तर्राज्यीय तस्कर हैं जो लम्बे समय से नशे के कारोबार में लिप्त हैं। बताया कि यह पूर्व में भी कई बार नशे की बड़ी खेप उत्तराखण्ड पहुँचाने में सफल रहे हैं। पकड़े गये आरोपियों में से एक सलीम के ऊपर बरेली के थाना बहेड़ी में 40 लाख की डकैती का मुकदमा वर्ष 2015 में दर्ज है, इसके अलावा इसके ऊपर गैंगस्टर सहित कई मुकदमें दर्ज हैं। पूछताछ में सलीम ने टीम को बताया कि वह अपने ऊपर दर्ज मुकदमों को लड़ने के लिए नशे का कारोबार करता है जिससे भारी मुनाफा कमाकर वह उस पैसे से अपने मुकदमें लड़ता है। कल यह दोनों एक मोटरसाइकिल के जरिये मादक पदार्थ उत्तराखण्ड ला रहे था, जिसकी खपत किच्छा, रुद्रपुर व सितारगंज में की जानी थी, टीम के द्वारा जाल बिछाकर दोनो का धर-दबोचा गया है। दोनों से टीम द्वारा विस्तृत पूछताछ की जा रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों में अफीम की सप्लाई करते हैं। ताकि यहाँ उसे भारी मुनाफे पर बेच सकें। एसटीएफ द्वारा पूछताछ में अन्य कई ड्रग्स पैडलरों के नाम की जानकारी हुई है. जिन पर कार्यवाही की जायेगी। एसएसपी द्वारा बताया गया कि बड़े अपराधों में मादक पदार्थों की भूमिका महत्वपूर्ण है। मादक पदार्थों की तस्करी आर्गेनाइज क्रिमिनल्स के लिए राजस्व का एक बड़ा स्रोत है, जो उन्हें अन्य आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन प्रदान करता है। मादक पदार्थों की तस्करी अन्य गंभीर अपराधों, जैसे कि हथियारों की तस्करी, टारगेट कीलिंग, आतंकवादी घटनाएं और मानव तस्करी, को बढ़ावा देती है इसलिए नशा के छोटे कारोबार करने वालों को पकडने की बजाय नशे का कारोबार करने वाले बड़े मगरमच्छों को पकडने की जरूरत है।

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