🧼 उत्तरकाशी में ‘स्वच्छता क्रांति’ की गूंज —
🌄 उत्तराखंड स्थापना दिवस के रजत जयंती वर्ष में एक नई पहल
उत्तरकाशी से आई एक प्रेरक खबर — राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती वर्ष पर जिले की सभी स्वास्थ्य इकाइयों में स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण की अलख जगाई गई।
‘स्वच्छ हाथ, स्वस्थ जीवन’ (Clean Hands, Healthy Lives) थीम पर आयोजित इस अभियान ने अस्पतालों में सेवा के साथ स्वच्छता का संकल्प जगा दिया।

✋ स्वच्छ हाथों से स्वस्थ समाज की ओर
07 नवंबर को आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने संक्रमण नियंत्रण पर केंद्रित जागरूकता सत्र में भाग लिया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के दिशा-निर्देशों के तहत आयोजित सत्रों में गुणवत्ता आश्वासन और रोगी सुरक्षा को लेकर नई ऊर्जा देखने को मिली।
💬 “संक्रमण नियंत्रण ही रोगी सुरक्षा की पहली सीढ़ी”
जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमुख अधीक्षक डॉ. पी.एस. पोखरियाल ने की। उन्होंने कहा —
“एक स्वच्छ चिकित्सालय न केवल रोगों से रक्षा करता है, बल्कि रोगियों के मन में विश्वास भी जगाता है।”
कार्यक्रम में नर्सिंग अधिकारियों ने संक्रमण रोकथाम (IPC Protocols) पर विस्तृत जानकारी दी और हैंड हाइजीन के पाँच क्षणों (Five Moments of Hand Hygiene) पर विशेष जोर दिया।
इसके साथ बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के सही तरीकों का भी प्रदर्शन किया गया।
🧴 जब स्वास्थ्यकर्मी बने ‘स्वच्छता दूत’
सत्र के अंत में सभी स्वास्थ्यकर्मियों ने उत्साहपूर्वक ‘कायाकल्प स्वच्छता शपथ’ ली।
डॉक्टरों से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ तक — सभी ने एक स्वर में कहा:
“हम स्वच्छता, सुरक्षा और सेवा को अपनी प्राथमिकता बनाए रखेंगे।”
यह नज़ारा न केवल प्रेरणादायक था, बल्कि यह दिखाता है कि उत्तरकाशी का स्वास्थ्य परिवार अब ‘स्वच्छता क्रांति’ की राह पर चल पड़ा है।
🏥 सामूहिक प्रयास, सामूहिक जिम्मेदारी
डॉ. पोखरियाल ने कार्यक्रम के समापन पर कहा —
“स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता केवल दवाइयों या उपकरणों से नहीं, बल्कि साफ-सुथरे वातावरण और जिम्मेदार व्यवहार से तय होती है।”
जिले के सभी चिकित्सा इकाइयों में अधिकारियों, चिकित्सकों और कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी ने इस पहल को एक जन-आंदोलन का रूप दे दिया।
💡 अंत में — स्वच्छता से ही स्वास्थ्य का सवेरा
यह सिर्फ एक शपथ नहीं थी — यह था एक बेहतर, सुरक्षित और स्वस्थ उत्तराखंड का संकल्प।
उत्तरकाशी के स्वास्थ्यकर्मियों ने दिखा दिया कि जब हाथ स्वच्छ होते हैं, तो समाज स्वस्थ होता है।
“जहां स्वच्छता है, वहीं जीवन की रोशनी है — और यही है असली कायाकल्प।” 🌿
