पर्यावरण और जल संरक्षण के लिये कार्य करने का लिया संकल्प

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ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में प्रसिद्ध गायक एडम बाॅयर के निदेशन में अमेरिका से एक दल पहंुचा उन्होने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर आशीर्वाद लिया तथा भारतीय संगीत और योग को सीखने की इच्छा व्यक्त की। इस दल के सदस्य ने अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में भी सहभाग कर भक्ति संगीत और कीर्तन की प्रस्तुति देते रहे है।

गिरीश गैरोला

एडम बाॅयर के सान्निध्य में संगीतज्ञों का दल प्रतिवर्ष परमार्थ ऋषिकेश आता है। माँ गंगा के पावन तट पर आकर अपनी भक्ति संगीत साधना को और प्रखर करते हंै और यहां पर आकर भारतीय संस्कृति और मूल्यों को आत्मसात करते हैं।  गायक एडम बाॅयर के दल ने परमार्थ निकेतन में योग और ध्यान के सत्र में सहभाग किया। इस दल में भी अमेरिका में प्रशिक्षण दे रहे योग शिक्षक थे जिन्होने यहां पर रहकर भारतीय योग विधा को जाना एवं अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया।

एडम बाॅयर एक प्रसिद्ध गायक है इनका पहला एकल कीर्तन एल्बम श्याम लीला है जिसमें भक्ति भाव से भरे कीर्तन है। जिसे उन्होने अपने गुरू श्यामदास को श्रंद्धाजलि के रूप में भेंट किया है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि संगीत मन के भावों को व्यक्त करता है। संगीत के माध्यम से आंतरिक शान्ति प्राप्त होती है। संगीत की कोई भाषा नहीं होती यह तो मन के भाव हंै जिसके माध्यम से हम परमात्मा से जुड़ सकते हैं। ंसंगीत वह दिव्य अनुभूति है जो हमारे मन को शान्ति प्रदान करती है, इसके माध्यम से सामंजस्यपूर्वक जीवन यापन कर सकते हैं। उन्होने कहा कि संगीत और योग के माध्यम से प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण वातावरण निर्मित किया जा सकता है। स्वामी जी ने कहा कि समाज में शान्तिपूर्ण तरीके से रहने के लिये एक दूसरे की संस्कृतियों का सम्मान करना होगा तथा सभी लोग अपने कर्तव्यों का शुद्ध अतःकरण से निर्वहन करेंगे तो हमेशा सहअस्तित्व बना रहेगा।

अमेरिका से आये इस दल ने परमार्थ गंगा तट पर होने वाले विश्व शान्ति हवन और गंगा आरती में सहभाग किया। तत्पश्चात विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु स्वामी जी के सान्निध्य में विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया। आध्यात्मिक साधक, योग गुरू, गायक, भक्ति संगीतज्ञ और सभी पर्यावरण एवं जल संरक्षण के लिये मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया।

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