भारतीय सेना को मिले 491 युवा सैन्य अफसर, 34 विदेशी कैडेट भी हुए पासआउट

Share Now

देहरादून। आइएमए के ऐतिहासिक ड्रिल स्क्वायर में शनिवार को 157वीं पासिंग आउट परेड का भव्य आयोजन किया गया। अकादमी से 525 कैडेट पासआउट हुए। जिसमें 491 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थल सेना को मिले, जबकि 34 कैडेट 14 मित्र देशों की सेनाओं का हिस्सा बने। गौरव, परंपरा और सैन्य गरिमा से परिपूर्ण इस अवसर पर अधिकारी कैडेट्स को भारतीय सेना में कमीशन प्रदान किया गया। यह समारोह अकादमी के आदर्श वाक्य “वीरता और विवेक” और कैडेट्स के कठोर प्रशिक्षण, अनुशासन और अदम्य साहस का सशक्त प्रतीक रहा। समारोह में गौरव, परंपरा और सैन्य अनुशासन की झलक देखने को मिली।
थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने परेड की समीक्षा की और नव-नियुक्त अधिकारियों को प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर बधाई दी। उन्होंने युवा अधिकारियों के उच्च स्तर के अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और सहनशक्ति की प्रशंसा करते हुए उन्हें भारतीय सेना की गौरवशाली परंपराओं का निर्वहन करने तथा निष्ठा, प्रतिबद्धता और सम्मान के साथ राष्ट्र सेवा करने का आह्वान किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सेना में कमीशन प्राप्त करना केवल प्रशिक्षण की समाप्ति नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति आजीवन कर्तव्य और निस्वार्थ सेवा की शुरुआत है। 157वें रेगुलर कोर्स, 46वें टेक्निकल एंट्री स्कीम, 140वें टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स, 55वें स्पेशल कमीशंड आफिसर्स कोर्स और टेरिटोरियल आर्मी आनलाइन एंट्रेंस एग्ज़ाम 2023 कोर्स के कुल 525 अधिकारी कैडेट्स के साथ-साथ 14 मित्र राष्ट्रों के 34 विदेशी अधिकारी कैडेट्स को कमीशन प्रदान किया गया। इस दौरान निष्कल द्विवेदी को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। रजत पदक बीयूओ बादल यादव और कांस्य पदक एसयूओ कमलजीत सिंह को मिला। टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स में प्रथम स्थान के लिए ऑफिसर कैडेट जाधव सुजीत संपत और टेक्निकल एंट्री स्कीम 46 में प्रथम स्थान के लिए डब्ल्यूसीसी अभिनव मेहरोत्रा को रजत पदक प्रदान किया गया। स्पेशल कमीशन ऑफिसर कोर्स का रजत पदक ऑफिसर कैडेट सुनील कुमार छेत्री को मिला। विदेशी कैडेट्स में मेरिट में प्रथम स्थान का पदक बांग्लादेश के जेयूओ मोहम्मद सफ़ीन अशरफ को दिया गया। ऑटम टर्म 2025 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए इम्फाल कंपनी को थल सेना प्रमुख बैनर प्रदान किया गया। 157वें कोर्स के साथ भारतीय सैन्य अकादमी ने एक बार फिर भारतीय सेना को प्रशिक्षित और सक्षम नेतृत्व प्रदान करने की अपनी परंपरा को आगे बढ़ाया। समारोह में कैडेट के अभिभावक, परिजन, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। परेड का समापन पारंपरिक ‘अंतिम पग’ के साथ हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!