शहर में मनमानी पर चला प्रशासन का डंडा
देहरादून में एक बार फिर प्रशासन का सख्त चेहरा सामने आया है।
जनता की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ जिलाधिकारी सविन बंसल ने बिना नरमी दिखाए बड़ा फैसला लिया है। यूपीसीएल की रोड कटिंग अनुमति तत्काल रद्द कर दी गई है और दो माह तक किसी भी नई खुदाई पर रोक लगा दी गई है।
⚠️ रात की अनुमति, दिन में खुदाई – जनता की जान खतरे में!
डीएम की क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) ने जब शहर की सड़कों का औचक निरीक्षण किया, तो हालात चौंकाने वाले निकले।
जहां रात में काम करने की अनुमति थी, वहां दिनदहाड़े सड़कों को खोद डाला गया।
ना बैरिकेडिंग,
ना साइन बोर्ड,
ना रिफ्लेक्टिंग टेप —
और सड़कों पर मलबे के ढेर!
🚧 शहर बना जोखिम का मैदान
सहारनपुर रोड, जीएमएस रोड, रिस्पना, आराघर चौक, कारगी, दून यूनिवर्सिटी रोड, शिमला बायपास —
हर जगह एक ही तस्वीर:
संकीर्ण सड़कें, ट्रैफिक जाम और हर पल हादसे का खतरा।
🗣️ डीएम सविन बंसल का सख्त संदेश
“प्रदत्त अनुमति की शर्तों का उल्लंघन दंडनीय है।
जनमानस की सुरक्षा से खिलवाड़ किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Time & Cost Overrun की जिम्मेदारी विभाग और कार्यदायी संस्था की होगी।”
⛔ तुरंत कार्रवाई
- 🚫 रोड कटिंग अनुमति निरस्त
- 🚫 यूपीसीएल पर 2 माह का पूर्ण प्रतिबंध
- ⚖️ विधिक कार्रवाई तय
🏙️ प्रशासन का साफ संदेश
अब मनमानी नहीं चलेगी।
शहर की सड़कों पर काम होगा तो नियमों के साथ, सुरक्षा के साथ।
वरना कार्रवाई तय है।
✍️ आख़िरी सवाल…
क्या विकास के नाम पर आम आदमी की जान जोखिम में डाली जा सकती है?
देहरादून में जवाब मिल चुका है — बिल्कुल नहीं।
