अभियान का धमाकेदार आग़ाज़
45 दिनों तक हर न्याय पंचायत में शिविर — 109 शिकायतें, सैकड़ों को राहत, गांव–गांव तक सरकार
देहरादून जिले की दुर्गम पहाड़ियों से बुधवार को प्रशासन की एक मजबूत दस्तक सुनाई दी। विकासखंड चकराता की दूरस्थ न्याय पंचायत क्वांसी से “जन–जन की सरकार, जन–जन के द्वार | प्रशासन गांव की ओर” अभियान की शुरुआत हुई—और साथ ही शुरू हुआ भरोसे का नया अध्याय।
क्वांसी इंटर कॉलेज परिसर में लगे पहले बहुउद्देशीय शिविर में जनजातीय मंत्री गीता राम गौढ़, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिलाधिकारी सविन बंसल ने खुद जनता के बीच पहुंचकर समस्याएं सुनीं। संदेश बिल्कुल साफ था—अब समस्या को नहीं, समाधान को दौड़ना होगा।

🏛️ 109 समस्याएं, प्रशासन आमने–सामने
शिविर में ग्रामीणों, महिलाओं, बुजुर्गों और जनप्रतिनिधियों ने 109 समस्याएं डीएम के सामने रखीं।
डीएम सविन बंसल ने हर शिकायत को गंभीरता से सुना और मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश दिए—
“मुख्यमंत्री का संकल्प है कि कोई भी नागरिक बुनियादी सुविधाओं से वंचित न रहे।”
उन्होंने चेताया कि कोई भी शिकायत अनावश्यक लंबित नहीं रहनी चाहिए।
🩺 स्वास्थ्य से लेकर पहचान तक—सब कुछ एक ही मंच पर
इस शिविर में आंकड़े अपने आप कहानी कह रहे थे—
- 658+ लोगों की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच
- दिव्यांग व अन्य प्रमाण पत्र मौके पर जारी
- आयुर्वेद, एलोपैथी और होम्योपैथी से सैकड़ों को दवा
- आधार कार्ड अपडेट और नए कार्ड
लोगों के चेहरों पर राहत साफ दिख रही थी—
“पहली बार इतनी सुविधाएं गांव में मिलीं।”

🌾 किसान, बुजुर्ग और किशोरियां—हर वर्ग को राहत
डीएम ने तीन किसानों को 80% सब्सिडी पर पावर वीडर सौंपे।
समाज कल्याण विभाग के तहत—
- 50 बुजुर्गों को 250 सहायक उपकरण,
- 15 लाभार्थियों को किशोरी व बेबी किट दी गई।
👵 90 वर्षीय रामू देवी की आंखों में लौटी उम्मीद
शिविर की सबसे भावुक तस्वीर तब सामने आई, जब 90 वर्षीय दिव्यांग महिला रामू देवी की आधार कार्ड न बनने की पीड़ा सामने आई।
डीएम ने तुरंत आदेश दिए—
“महिला को लाने–ले जाने की व्यवस्था कर आधार बनवाया जाए और दिव्यांग पेंशन तुरंत लगाई जाए।”
यही था—प्रशासन गांव की ओर का असली अर्थ।
🚧 सड़क, नहर और पुलिया—सख्त फैसले, ऑन द स्पॉट एक्शन
- सिंचाई नहर में मलबा: 15 दिन में सफाई के आदेश
- खेत दबने की शिकायत: तुरंत कार्रवाई के निर्देश
- 1999 दुर्घटना पीड़ित जीत सिंह नेगी: निःशुल्क इलाज के आदेश
- बिना नहर निर्माण भुगतान का मामला: 31 दिसंबर तक जांच रिपोर्ट तलब
सबसे बड़ी राहत तब मिली जब 14 साल से लंबित पैदल पुलिया को डीएम ने मौके पर ही स्वीकृति दे दी।
👥 हर विभाग, हर योजना—जनता के लिए खुला दरवाज़ा
राजस्व, समाज कल्याण, कृषि, उद्यान, पशुपालन, डेयरी, पूर्ति, पंचायती राज, बैंकिंग, उद्योग—
हर विभाग गांव में, हर योजना जनता के सामने।
🔔 अंतिम पंक्ति
क्वांसी से शुरू हुआ यह अभियान सिर्फ एक सरकारी शिविर नहीं,
यह पहाड़ के आखिरी गांव तक भरोसे की सड़क है।
अब सवाल सिर्फ इतना है—
क्या यह दस्तक हर जरूरतमंद तक पहुंचेगी?
