टीवी डिबेट में पहाड़ में ग्लोबल वार्मिंग पर चिल्लाने वालो को पहाड़ की बर्फवारी राहत दिलाने वाली है। ऐसे में पलायन पर चिल्लाने की बजाय पहाड़ो की खूबसूरती को पर्यटन से जोड़ने की मांग जोर पकड़ने लगी है।
देवेंद्र सिंह बैलवाल।
ग्लोबल वार्मिंग की चिंता को कम करते हुए उत्तराखंड में मौसम राहत देने वाला है, इस बार की बर्फवारीनको देखकर तो यही लगता है।टिहरी जिले के पर्यटक स्थल धनोल्टी में चंबा – मसूरी – धनोल्टी मोटर मार्ग में बर्फवारी के बाद पाला पड़ने से फिसलन बढ़ गयी है जिसके चलते वहा फंसी हुई गाड़ियों को चलना मुश्किल हो रहा है। बर्फ हटाने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा भेजी गई जेसीबी भी फिसलने लगी तो किनारों से मिट्टी निकाल कर सड़को पर बिछानी पड़ रही है, इससे कीचड़ तो होगा सड़क को नुकसान भी होगा किन्तु बर्फ पर फिसलन रोकने में तात्कालिक मदद तो मिल ही जाएगी।
समय आ गया है कि पहाड़ो को पिछड़ेपन का प्रतीक न मानकर , प्रकृति की इस नियामत को भरपूर आनंद लेने का साधन बनाते हुए उसे पर्यटन से जोड़ने की कवायद करे, इसके लिए दिल्ली और देहरादून से बयान जारी करने के बजाय धरातल पर काम किया जाय, पहाड़ो में भी स्नो कटर भेजे जाय, ताकि बर्फ वारी दुःस्वरियो की पहचान न बने बल्कि आमदनी का जरिया बन सके।