महिला मंच व स्वराज अभियान ने किया जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन

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देहरादून। आन्दोलनकारी साध्वी पद्मावती को अपमानित करने के विरोध में आज उत्तराखण्ड महिला मंच एंव स्वराज अभियान द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रेषित किया गया।ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि उत्तराखण्ड में महिलाओं को अपने मौलिक अधिकारों के तहत आन्दोलन करने का भी अधिकार नहीं रह गया है वह चाहे आम महिलाएं हो या फिर संत समाज की महिलाएं। कहा कि राज्य आंदोलन में रामपुर तिराहे कांड जैसे कई उदाहरण है जब आंदोलनों की रीढ़ महिलाओं को अपमानित किया जाता रहा है कहा कि वर्तमान में मंा गंगा कि निर्मल अविरलता के लिए समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से एक साध्वी पदमावती अपने प्राणों की परवाह न कर आमरण अनशन कर रही थी। उनके आंदोलन से आम लोगों को जुड़ता देख शासन प्रशासन में बेचैनी होने लगी। जिसे देखकर सामान्य होेने पर भी प्रशासन द्वारा भारी पुलिस बल का प्रयोग कर साध्वी को जबरदस्ती उठा लिया गया।

गिरीश गैरोला

उन्हांने कहा कि यदि सरकार महिलाओं को सुरक्षा, अधिकार, इज्जत व रोजगार नहीं दे सकती तो उसे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं को नारे को भी बंद कर देना चाहिये। उन्होने बताया कि साध्वी पदमावती की स्वास्थ्य जांच करने वाले चिकित्सक द्वारा साजिश के तहत उन पर घृणित आरोप लगाकर घोर अपराध किया है। जिसे हम तत्काल बर्खास्त करने की मांग करते है साथ ही हम गंगा बचाओ अभियान को अपना पूर्ण समर्थन देते है। प्रदर्शन करने वालों में शकुन्तला, सुशीला, राजबाला, हेमलता, यशोदा रावत सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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