गोरु न उजाड़ खाई ? कि औरुन?

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पलायन होते गांवों की दुर्दशा को बयां करने के लिए कीर्तिनगर ब्लॉक के रहने वाले प्रवीन पिज्वान ने अपने संगीत एलबम ‘गोरुन उजाड़ खेली’ का विमोचन किया. जिसे लोगों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है.’गोरुन उजाड़ खेली’ का विमोचन कीर्तिनगर नगर पंचायत अध्यक्ष कैलाशी देवी जाखी द्वारा किया. लोकगायक प्रवीन प्रिज्वान के गढ़वाली गीत ‘गोरून उज्याड़ खैली’ का विमोचन किया.

भगवान सिंह पौडी

सर्राफा धर्मशाला में आयोजित भव्य कार्यक्रम में गायक ने पलायन और जंगली जानवरों द्वारा खेतों में किये जाने वाले नुकसान को अपने गानों के माध्यम से बताया है. इस अवसर पर नपं अध्यक्ष कैलाशी देवी जाखी ने कहा कि गढ़वाली बोली को संरक्षण के लिए गढ़वाली गीतों का विमोचन और गायन होना नितांत आवश्यक है. उन्होंने लोक गायक प्रवीन प्रिज्वान की प्रस्तुति गढ़वाली बोली को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी. उन्होंने कहा कि इस तरह की गढ़वाली बोली को आगे बढ़ाने के लिए और कार्य करने की जरूरत है.

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