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ग्राम पंचायतों के प्रति नीरस और लापरवाह रवैये को लेकर विभागीय अधिकारियों के प्रति आक्रोश,
ग्राम पंचायत डांडा की बेली ने प्रथम रोस्टर बैठक का किया बहिष्कार:
जहां एक ओर पंचायती राज के तहत पंचायतों को मजबूत करने के लिए आज देशभर में भरपूर प्रयास किया जा रहा है और पंचायतों को सर्वाधिक शक्ति दी जा रही है ताकि सबसे छोटी इकाई ग्राम पंचायत से विकास की धारा का प्रवाह संपूर्ण देश भर में चले, तो वहीं दूसरी ओर पंचायतों से संबंधित विभागीय अधिकारीयों की नीरसता और लापरवाही का आलम यह है कि वे ग्राम पंचायतों के रोस्टर बैठक में जाना मुनासिब नहीं समझते हैं।
——–—थत्यूड़ से मुकेश रावत की रिपोर्ट———
टिहरी जनपद के जौनपुर में दशज्यूला के ग्राम पंचायत डांडा की बेली में प्रथम रोस्टर बैठक आहुत हुई, जिसमें ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) के तहत प्रत्येक विभाग के संबंधित अधिकारी को उपस्थित होना था मगर सिर्फ 4 से 5 विभागों के ही अधिकारी मौजूद थे, जबकि ग्रामवासी अनेकों समस्याएं लेकर बातचीत करना चाह रहे थे मगर संबंधित विभाग के व्यक्ति जवाबदेही के लिए मौजूद नहीं थे, जीपीडीपी के तहत ग्राम पंचायत के लिए वर्ष भर की योजनाओं को तय किया जाना था मगर विभागीय अधिकारियों के नदारद होने से ऐसा संभव नहीं हो पाया, जिसके चलते मौजूद समस्त ग्राम वासियों और बैठक में मौजूद क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य सनवीर बेलवाल व बैठक के अध्यक्षा ग्राम प्रधान संगीता देवी ने विभागों के प्रति भारी रोष प्रकट किया और बैठक का बहिष्कार कर दिया।
ग्राम वासियों ने बताया कि वे अनेक योजनाओं के विषय में जानकारी चाहते हैं साथ ही साथ अनेक समस्याओं को विभागीय अधिकारियों के समक्ष रखना चाहते हैं मगर जब कोई सुनने वाला ही उनके गांव में नहीं आएगा तो फिर इस प्रकार की बैठकों का कोई अर्थ नहीं रह जाता है, और बताया जब तक समस्त विभागों के मुलाजिम बैठक में उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए नहीं आएंगे तब तक बैठकों का इसी प्रकार बहिष्कार किया जाएगा।