उच्च शिक्षा विभाग का तुगलकी फरमान।
आर्ट विषय को लेकर नही मिल रहा प्रवेश।
शून्य सत्र होने की बढ़ी संभावना।
उत्तरकाशी महाविद्यालय में बीए में आर्ट विषय लेने वालों के सामने इंटरमीडिएट में आर्ट विषय से पास होने की शर्त अनिवार्य कर दी गयी है जबकि पूरे जनपद में कोई भी स्कूल ऐसा नही जहाँ से आर्ट विषय से इंटरमीडिएट किया जा सके ऐसे में बीए में प्रवेश बंद होने के हालात पैदा होने लगे है बीए में शून्य सत्र हुआ तो फिर एमए में भी यही हाल होगा और एक दिन फैकल्टी ही बंद हो जाएगी।
पूर्व में उत्तरकाशी पीजी कॉलेज में शिक्षको का टोटा रहा अब शिक्षक आये तो नया फरमान जारी हो गया। जबकि पूर्व में मेरिट के आधार पर हाई स्कूल में आर्ट विषय के आधार पर ही बीए में प्रवेश दिए जाते रहे है। अब छात्रों के सामने दिक्कत है कि उन्हें दुबारा प्राइवेट से अथवा ओपन बोर्ड से इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करना होगा किन्तु तब तक तो सत्र ही शून्य ही जायेगा।
एन एस यु आयी के जिलाध्यक्ष मनीष राणा ने बताया कि अमीर घरों के छात्र वैसे भी उच्च शिक्षा के लिए बड़े नगरों को पलायन कर जाते है और पूरे उत्तरकाशी जिले में आर्ट से इंटरमीडिएट परीक्षा पास कराने वाला कोई स्कूल नहीं है।
जो भी स्कूल आर्ट से इंटरमीडिएट करवाते हैं वह टिहरी जनपद में हैं गरीब तबके के छात्रों के लिए मुश्किल यह है कि वह या तो प्राइवेट अथवा ओपन बोर्ड से इंटरमीडिएट पास करें अथवा नजदीकी दूसरे जिलों में जाकर इंटरमीडिएट परीक्षा पास करें जो गरीब तबके के छात्रों और खासकर लड़कियों के लिए नहीं मुश्किल है।
उन्होंने डीएम के माध्यम से उच्च शिक्षा मंत्री को इस मामले में दखल देने की मांग की है।
छात्रा रेशमा की माने तो पूर्व में मेरिट के आधार पर प्रवेश दिए जाते रहे है बीए में 60 और एमए में 20 सीट आर्ट विषय को लेकर रखी गयी है अगर हालत यही रहे तो सत्र शून्य हो सकता है। उन्होंने बताया कि आर्ट विषय को ऐच्छिक विषय के रूप में अभी तक इंटरमीडिएट स्कूल में रखा गया था।
छात्रों ने इस मामले को लेकर डीएम आशीष चौहान से भेंट की डीएम ने अपने स्तर से इन मामले में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया है।

