घर से बाहर राज्यों में फँसे केंद्र सरकार से राहत का दिया रैबार प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों आदि सभी फंसे लोगों को मिली घर जाने की छूट, शर्ते लागु।
बाबा केदारनाथ जी की कपाट खुलते आरती के बाद आया राहतभरी ख़बर बाबा के जिम्म्मे् कोरोना महामारी ‘
नई दिल्ली : कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए पूरे देशभर में पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से लॉकडाउन चल रहा है। जिसकी वजह से विभिन्न राज्यों के प्रवासी मजदूर, छात्र, पर्यटक जगह जगह फंसे हुए हैं। जिनको भोजन, आवास सहित कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। देश के नागरिकों की इन्ही परेशानियों को देखते हुए आज केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, विद्यार्थियों आदि की आवाजाही की अनुमति दे दी है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने यहां फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने और दूसरी जगहों से अपने-अपने नागरिकों को लाने के लिए स्टैंडर्ड प्रॉटोकॉल तैयार करें।
हरीश असवाल नई दिल्ली
यानी, अब हर प्रदेश दूसरे प्रदेशों में फंसे अपने नागरिकों को वापस ला पाएगा और अपने यहां फंसे दूसरे प्रदेशों के नागरिकों को वहां भेज पाएगा। गृह मंत्रालय ने राज्यों को फंसे लोगों को लाने और ले जाने की व्यवस्था के लिए निम्न गाइडलाइंस भी जारी की हैं।
- राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस काम के लिए नोडल अथॉरिटीज नामित करेंगे और फिर ये अथॉरिटीज अपने-अपने यहां फंसे लोगों का रजिस्ट्रेशन करेंगी। जिन राज्यों के बीच लोगों की आवाजाही होनी है, वहां की अथॉरिटीज एक दूसरे से संपर्क कर सड़क के जरिए लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करेंगी।
- जो लोग जाना चाहेंगे, उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर उनमें कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं दिखेंगे तो उन्हें जाने की अनुमति होगी।
- लोगों की आवाजाही के लिए बसों का उपयोग किया जा सकेगा। बसों को सैनिटाइज करने के बाद उसमें सोशल डिस्टैंसिंग के नियम के मुताबिक ही लोगों को बिठाया जाएगा।
- कोई भी राज्य इन बसों को अपनी सीमा में प्रवेश करने से नहीं रोकेगा और उन्हें गुजरने की अनुमति देगा।
- डेस्टिनेशन पर पहुंचने के बाद लोगों की लोकल हेल्थ अथॉरिटीज की ओर से जांच की जाएगी। बाहर से आए लोगों को घूमने-फिरने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें होम क्वॉरेंटाइन में ही रहना होगा। जरूरत पड़ी तो उन्हें अस्पतालों/स्वास्थ्य केंद्रों में भी भर्ती किया जा सकता है। उनकी समय-समय पर जांच होती रहेगी।
- ऐसे लोगों को आरोग्य सेतु का इस्तेमाल करना होगा ताकि उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा सके।