कोरोना वायरस के चलते बिगड़ी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार कुछ भी इंतजाम कर रही हो किंतु सोशल मीडिया में कई तरह की व्यंग , सुझाव के तौर पर आने लगे हैं।
शिकायत की जा रही है कि गरीब जूस वाले और चाय के ठेले के पास चार पांच लोगों के खड़े होने पर प्रतिबंध और शराब की लाइनों में सैकड़ों लोगों की भीड़ क्या सिर्फ अर्थव्यवस्था सुधार ना ही प्राथमिकता में रह गया है? वही अब इसी चुटकुले अंदाज में महिलाओं के लिए अलग से पिंक जोन स्थापित कर गोलगप्पा और ब्यूटी पार्लर के माध्यम से अर्थव्यवस्था में योगदान करने का भी व्यंग किया जा रहा है। दरअसल उत्तराखंड के एक अकेले जिले उधम सिंह नगर में सिर्फ 3 दिनों में ही शराब प्रेमियों ने ढाई करोड़ की शराब गटक कर राजस्व में एक बड़ा योगदान किया है जिसके बाद सोशल मीडिया पर अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए कई व्यंग्यात्मक ही सही लेकिन तर्कपूर्ण सुझाव आने लगे हैं
– ऊधमसिंहनगर में भी शराब की दुकान खुलने के बाद जिले से सरकार को करोड़ो रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। जिले में अब तक 117 दुकानों में से 89 दुकान खुल चुकी है। जिन दुकानों से सरकार को दो करोड़ 59 लाख का राजस्व प्राप्त हो चूका है। लॉक डाउन के बाद भारत सरकार से मिली छूट के बाद राज्य सरकार द्वारा शराब की दुकाने खोलने का आदेश जारी करते हुए सभी जिलों में 4 मई से प्रदेश की सभी शराब की दुकानों को खोल दिया था।
ऊधमसिंहनगर जिले में भी 117 देशी ओर अंग्रेजी दुकानों में पूर्व में 94 दुकानों की नीलामी हुई थी। जिसमे से पहले दिन जिले में 53 दुकानें, दुसरे दिन 75, जबकि तीसरे दिन 89 दुकाने जिले भर में खोली गई है। जिसमे जिले से 6 मई तक राज्य सरकार को 2 करोड़ 59 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है।
जिले में 94 अंग्रेजी और देशी शराब की दुकानों में 50 अंग्रेजी शराब की दुकान से 2 करोड़ 40 लाख 49 हजार का राजस्व प्राप्त हुआ है। जबकि देशी मदिरा की 38 दुकानों से 18 लाख 40 हजार का राजस्व प्राप्त हुआ है।
जिला आबकारी अधिकारी कैलाश बिंजोला ने बताया कि जिले की 94 दुकानों की पूर्व में नीलामी हो चूकि है। लॉक डाउन के बाद अब तक 89 दुकाने खुल चूकि है। जिससे 2 करोड़ 59 लाख का भी राजस्व प्राप्त हो चूका है।
कैलाश बिंजोला — जिला आबकारी अधिकारी, ऊधमसिंहनगर