बाहर से वापस लौट रहे प्रवासी उत्तराखंडियो की जांच के दौरान प्रशासनिक लापरवाही के चलते 11 लोगों को क्वॉरेंटाइन करना पड़ा है जिसमें पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी शामिल है। इसके अलावा दो कंटेनमेंट जोन भी बनाए गए हैं, बताते चले कि जिले में प्रवेश के दौरान ही संबंधित व्यक्ति पर लक्षण प्रकट होने के बाद भी पूरी कार्यवाही को हल्के में लेने की वजह से अन्य संपर्क में आए लोगों को भी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जिले में पहला कोरोना संक्रमण मिलने के बाद बैठक कक्ष से बाहर निकल सड़कों पर प्रशासनिक अमला हरकत में दिखाई दे रहा है। संक्रमण के दौरान आवश्ययक जानकारी की पुष्टि के लिए डीएम आपदा प्रबंधन अधिकारी अथवा उप जिलाधिकारी के मीटिंग में व्यस्त होने के चलते किसी अन्य सक्षम अधिकारी को सूचना लेने और देने के लिए तैनात करनेे की मांग जोर पकड़ रही है।
गिरीश गैरोला
उत्तरकाशी जिले में एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति मिलने से जिला मजिस्ट्रेट आशीष चौहान ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कक्ष में विभागीय अधिकारियों की महत्वपूर्ण अहम बैठक ली
सूरत गुजरात से चार युवक मोटरसाइकिल से ट्रैवल करके 7 मई को उत्तरकाशी जिले में आए थे जिनमें से एक युवक को आइसोलेशन में रखा गया था और 3 युवकों क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था जिनमें से एक व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
कोरोना पॉजिटिव युवक के संपर्क में आए सभी लोगों की स्क्रीन की जा रही है। जिसको लेकर जिला प्रशासन ने अब तक 11 लोगों को क्वॉरेंटाइन किया है और आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया है। जिसमें 5 पुलिसकर्मी 2 स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एक पंजीकरण कर्मचारी शामिल है तो वहीं इस पूरी घटना को देखते हुए दो कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं जिन पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कड़ी नजर है।
11 लोगों की रिपोर्ट कोरोना परीक्षण के लिए भेज दी गई है। जिलाधिकारी ने बाहर से आने वाले लोगों पर निगरानी और कड़ी कर दी है। अति संवेदनशील क्षेत्रों का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों को एहतियातन कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए है।
बैठक में डीएफओ संदीप कुमार, उप जिलाधिकारी डुण्डा आकाश जोशी आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे
