भरसक प्रयास के बाद भी डॉक्टर को पहाड़ नही चढ़ता देख सरकार ने कान दूसरी तरफ से पकड़ने की कोशिश सुरु कर दी है। जिले से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात पैरा मेडिकल स्टाफ को जांच किट देकर मरीज की रिपोर्ट जिला चिकित्सालय भेजकर विशेषज्ञ चिकित्सक से फोन पर दवा लिखवाते हुए सलाह भेजी जाएगी, जिसे टेलीमेडिसिन नाम दिया है।
सोच नेक है किंतु पहले से ही जिला अस्पताल में सीमित संख्या में तैनात विशेषज्ञ डॉक्टर अपनी ही ओपीडी में लगी मरीजो की भीड़ निबटाये या फोना पर सलाह दे, आखिर काम तो डॉक्टर को ही करना है और वो सीमित है अब जिला अस्पताल के मरीज देख ले या फोना पर मरीज।
टेलीमेडिसिन के माध्यम से जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों में मरीजों को उनके स्वास्थ्य केंद्रों में ही कैसे स्वास्थ्य उपचार दिया जा सके इस हेतु जिला अधिकारी डॉक्टर आशीष चौहान ने चिकित्सा अधिकारियों व विशेषज्ञ टेलीमेडिसिन के साथ गहन विचार विमर्श किया उन्होंने कहा कि दूरस्थ स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक न होने से मरीजों को चिकित्सा उपचार हेतु काफी दूर आना-जाना पड़ता है इस हेतु टेलीमेडिसिन यदि स्वास्थ्य केंद्र में प्रारंभ कर दिया जाए तो दुरस्थ क्षेत्रों के गरीबों को उनके नजदीकी स्वास्थ्य में तत्काल उपचार मिल सकेगा।
जिलाअधिकारी डॉक्टर चौहान ने जिला कार्यालय में बैठक लेते हुए कहा कि मुख्य चिकित्साअधिकारी विशेषज्ञ चिकित्सक टेली मेडिसन आपस में समन्वय स्थापित करते हुए
कार्य योजना तैयार करें। ताकि जनपद के दुरस्थ स्वास्थ्य केंद्र में सुविधा पूर्वक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में टेलीमेडिसिन सुविधा प्रारंभ कर मरीजों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया जा सके।
टैली मेडिसन विशेषज्ञ डॉक्टर अनिल विज ने बताया कि जिन स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक तैनात नहीं है तथा फार्मासिस्ट तैनात है वहां पर टेलीमेडिसिन की माध्यम से मरीजों की केस हिस्ट्री देख कर फोन के माध्यम से दवाई एवं परामर्ष दिया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि दूरस्थ क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र में तैनात फार्मासिस्ट को मोबाइल टैबलेट एप के माध्यम से जिला चिकित्सालय से जोड़ा जाएगा साथ ही फार्मेसिस्ट को एक किट भी दी जाएगी जिसमें शुगर, बीपी, ईसीजी, मापक यंत्र पैथोलॉजी किट होगी। जिससे फार्मेसिस्ट मरीजों की जांच कर एप के माध्यम से चिकित्सक को जांच केस हिस्ट्री भेजेगा। चिकित्सक जांच का परीक्षण कर एवं मरीज की केस हिस्ट्री देख कर दवाएं तत्काल दवाइयां व अपनी स्पेशल ओपनियन फोन के माध्यम से देंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि चिकित्साधिकारियों की राय व सहमति से पहले एक या दो प्राथमिक चिकित्सालयों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया जाएगा। अच्छे परिणाम मिलने पर फिर टेलीमेडिसिन को विस्तारित करने का प्रयास किया जाएगा।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विनोद नौटियाल डिप्टी सीएमओ आर एसरावत डॉ अश्विनी चौबे डॉ राणा डॉक्टर डोगरा मौजूद थे।


